
“उग्र होता सूर्यदेव” – ओ.पी सिहाग
आज गर्म हवा के थपेड़ों ने हर जीव को सताया है ,
प्रकृत्ति का ये उग्र रूप देख कर हर प्राणी थर्राया है ।
अब हिन्दू भी खतरे में है, मुस्लिम को भी है खतरा,
पता लगाओ ऐ दोस्तों ये सूर्य क्यों है इतना बिफरा ।
पारा बढ़ता जा रहा है हो गया है पचास के पार ,
गर्मी कम होने के नजर नहीं आते कोई आसार ।
“सिहाग” कहे सम्भल लो अब बचा है केवल एक ही उपाय,
ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाओ ताकि सब के प्राण बच जाए ।