क्यों बढ़ रहा है बच्चों में ई सिगरेट का रुझान – डॉ. अर्चिता महाजन
टीनऐज के बच्चे स्टेटस सिंबल के कारण शिकार हो रहे हैं
बिना कैंसर की चेतावनी के यह सिगरेट बाजार में कैसे बिक सकती है

बटाला/संघोल-टाइम्स/ब्यूरो/19जून,2024 – डॉ. अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डाइटिशियन और चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट और ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि आजकल युवाओं में और टीनएज बच्चों में ई सिगरेट का रुझान बढ़ रहा है। कुछ बच्चे अपने बड़ों से चुरा कर ई सिगरेट का प्रयोग अपने दोस्तों के ग्रुप में स्टेटस सिंबल बनाने के लिए करते हैं। कागज वाली सिगरेट में तो पकड़ के बाहर कैंसर की चेतावनी होती है परंतु इस ई सिगरेट पर कोई चेतावनी भी नहीं है। ई-सिगरेट में कई खतरनाक रसायन होते हैं, जिनमें एसीटैल्डिहाइड, एक्रोलिन और फॉर्मेल्डिहाइड शामिल हैं। यह एल्डिहाइड फेफड़ों की बीमारी के साथ-साथ हृदय संबंधी बीमारी का कारण भी बन सकते हैं। ई-सिगरेट में एक्रोलिन भी होता है, जो एक शाकनाशी है जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से खरपतवारों को मारने के लिए होता है। ई सिगरेट से कई प्रकार की बीमारियां हो सकती है जैसेअस्थमा, फेफड़ों में निशान, अंगों को नुकसान, सिगरेट पीने की लत। कभी कबार इसकी बैटरी ओवरहीट होने के कारण लिक्विड के साथ मिलकर विस्फोट कर सकती है। ई-सिगरेट में निकोटीन भी होता है, जो यह आदत बनाने वाला है। यह मस्तिष्क के विकास को प्रभावित करता है, जो लगभग 25 साल की उम्र तक जारी रहता है। ई-लिक्विड में निकोटीन और अन्य पदार्थ आपके दिल और दिमाग को नुकसान पहुंचा सकते हैं। आपके रक्तचाप को बढ़ा सकता है और आपकी धमनियों को संकीर्ण कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान यह भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकता है।
