
हरियाणा मंत्रिमंडल ने ‘हरियाणा लैंड पूलिंग पॉलिसी’ 2022 को दी मंजूरी
यह नीति मुख्य शहरीकरण और औद्योगीकरण उद्देश्यों के लिए लैंडबैंक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम
SangholTimes/HarminderNagpal/चंडीगढ़/29 जुलाई,2022 मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा लैंड पूलिंग पॉलिसी – 2022 को मंजूरी प्रदान की गई। यह नीति मुख्य शहरीकरण और औद्योगीकरण उद्देश्यों के लिए लैंडबैंक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
चूंकि भूमि मालिक विकास प्रक्रिया में भागीदार होंगे, इसलिए नीति का उद्देश्य भूमि के आवंटन को रिक्त भूमि (रॉ लैंड) की लागत से जोड़कर उन्हें अधिकतम लाभ प्रदान करना है।
नीति में विभिन्न चरणों में समय-सीमा निर्धारित की गई है ताकि भूमि मालिकों के हितों की सुरक्षित की जा सके और समयबद्ध तरीके से भूमि विकास के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके।
हरियाणा लैंड पूलिंग पॉलिसी-2022 का उद्देश्य बुनियादी ढांचे के विकास सहित नियोजित विकास के उद्देश्य को प्राप्त करना और उक्त विकास में भागीदार बनने के इच्छुक भूमि मालिकों की स्वैच्छिक भागीदारी के माध्यम से भूमि प्राप्त करना है।
इस नीति का उद्देश्य हरियाणा अनुसूचित सड़क एवं नियंत्रित क्षेत्र प्रतिबंध के प्रावधानों के अनियमित विकास अधिनियम, 1963 के तहत राज्य सरकार द्वारा पब्लिशड डेवलपमेंट प्लान के निर्धारित क्षेत्र के भीतर एक सेक्टर या उसके हिस्से के विकास के लिए भूमि के पूलिंग हेतू एक निष्पक्ष और पारदर्शी तंत्र विकसित करना है।
इस नीति के तहत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) पब्लिशड डेवलपमेंट प्लान में शहरी क्षेत्र के भीतर स्थित क्षेत्रों के मामले में आवासीय, वाणिज्यिक, संस्थागत और बुनियादी ढांचे का विकास करेगा।
इसके अलावा, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) इस नीति के तहत हरियाणा में कहीं भी औद्योगिक, बुनियादी ढांचे या संस्थागत उद्देश्यों के लिए विकास कार्य करेगा।
इस नीति के तहत एचएसआईआईडीसी और एचएसवीपी के लिए उपरोक्त उद्देश्यों के अलावा राज्य सरकार किसी भी विभाग या किसी बोर्ड, निगम या राज्य सरकार के स्वामित्व और नियंत्रण वाले अन्य संगठन को किसी भी निर्दिष्ट विकास उद्देश्य के लिए अधिकृत किया जा सकता है। ऐसा तब किया जाएगा, जब राज्य सरकार को ऐसा करना आवश्यक लगेगा।
यह नीति निर्दिष्ट विकास उद्देश्य के लिए परियोजना हेतू भूमि की पेशकश करने वाले भूमि मालिकों पर लागू होगी। यह नीति उन एग्रीगेटर पर लागू होगी, जो निर्दिष्ट विकास उद्देश्य के लिए परियोजना हेतू भूमि की पेशकश करने के लिए कई भूमि मालिकों के साथ समझौते के तहत भूमि एकत्र करता है।
यह नीति विकास योजना में निर्दिष्ट भूमि उपयोग के अनुरूप भूमि के लिए लागू होगी। साथ ही, यह नीति हरियाणा में किसी अन्य क्षेत्र के संबंध में भी लागू होगी, जहां विकास का उद्देश्य बुनियादी ढांचा या औद्योगिक विकास हो।
डेवलपपेंट ऑर्गनाइजेशन द्वारा भू-स्वामियों को एक भूमि अधिकार प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा जो ट्रेड या मोर्टगेज रखा जा सकता है। *आवेदन जमा करने की प्रक्रिया*
इस नीति के तहत, कोई भी भूमि मालिक, या तो सीधे या एक एग्रीगेटर के माध्यम से प्रकाशन में निर्दिष्ट अवधि, जोकि 60 दिनों से कम नहीं होगी, के भीतर विकास उद्देश्य के लिए परियोजना हेतू भूमि की पेशकश करने के लिए आवेदन जमा कर सकता है।इस अवधि को डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन द्वारा आवश्यकता अनुसार बढ़ाया भी जा सकता है, लेकिन यह 30 दिनों से अधिक नहीं होगी। आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं होगा।