
ज्वालामुखी में भाजपा के बागी ने खेल बिगाड़ा तो संजय रतन मजबूत हो गये
SangholTimes/ज्वालामुखी/09नवम्बर,2022/विजयेन्दरशर्मा) – हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सीट नंबर 12 ज्वालामुखी ओपन है। काँगड़ा जिला के इस निर्वाचन क्षेत्र में 2012 में विधानसभा परीसीमन के दौरान बदलाव आया । और यहां पुराने थुरल की कुछ पंचायतें कट कर ज्वालामुखी में आ गईं, तो ज्वालामुखी का एक हिस्सा देहरा में चला गया। देश दुनिया में अपनी दिव्यता के लिये मशहूर ज्वालामुखी मंदिर की वजह से इलाके को पहचान मिली। राजनीतिक तौर पर देखा जाये तो ज्वालामुखी में भारतीय जनता पार्टी का ही वर्चस्व रहा है। कांग्रेस यहां से दो ही बार चुनाव जीत सकी है। डिलिमिटेशन के बाद यहां राजपूत मतदाताओं की तादाद बढ़ी है। इसी आधार पर भाजपा ने इस बार राजपूत प्रत्याशी मैदान में उतारा, लेकिन पार्टी की बगावत ने सारा खेल बिगाड़ दिया। submitted
इस बार भाजपा से यहां कुछ ऐसी गलतियां हुइंर् कि पार्टी का चुनाव जीतना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। भाजपा ने चुनावों से कुछ दिन पहले मौजूदा विधायक रमेश धवाला का टिकट बदलकर पूर्व मंत्री रविन्दर सिंह रवि को प्रत्याशी बनाया । तो भाजपा के सारे समीकरण ही बदल गये। रवि को टिकट मिलने के बाद पार्टी में बगावत हो गई। और युवा मोर्चा के नेता अतुल चौधरी ने बगावत कर निर्दलीय नामांकन भर दिया। जिससे भाजपा प्रत्याशी के लिये मुसीबत खड़ी हो गई। भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ बाहरी होने का आरोप भी लग रहा है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने होशियार सिंह भारती को टिकट दिया है। भारती की मौजूदगी से दोनों ही दलों को नुकसान हो रहा है। भाजपा की बगावत से रविंदर रवि का चुनाव जीतना आसान नहीं है। लिहाजा यहां टिकट बदलने का निर्णय भाजपा पर भारी पडता दिखाई दे रहा है। ज्वालामुखी चुनाव क्षेत्र चंगर व बलिहार दो भागों में बंटा है। चंगर खुंडिया तहसील का हिस्सा है। जबकि बलिहार निचला इलाका है। जो दरीण ,सुंधंगल सिल्ह ,भड़ोली कोहाला से लेकर डोहग देहरियां व कथोग तक है। ज्वालामुखी में डोहग देहरियां से लेकर कथोग व भड़ोली कोहाला से दरीण तक की 23 पंचायतें और खुंडियां तहसील की 19 पंचायतें आती है। इस इलाके में ओबीसी मतदाता हैं, और यहां भाजपा के बागी ने भाजपा के वोट बैंक पर सेंध मारी है। वहीं, चंगर में थिल ,बारी ,महादेव,डोला खरियाना,पुखरू,लगड़ू, बग्गी सलिहार,सुराणी,अलुहा,टिहरी,मझीन ,स्यालकड़,टिपरि,जरुन्दी, नाहलियां पीहडी गलोटी,घरना, खुंडीयाँ पंचायतें आतीं हैं , यहां राजपूत मतदाता अधिक हैं। जो रवि के साथ हैं। ज्वालामुखी में राजपूत सबसे अधिक मतदाता हैं तो दूसरे नबंर पर ओबीसी मतदाता हैं। उसके बाद अनूसूचित जाति के मतदाता हैं। बाद में ब्राहम्ण मतदाता आते हैं। अन्य जातियां उसके बाद हैं। यहां चंगर के राजपूत व बलिहार के ब्राहम्ण मतदाता राजनिति की दशा व दिशा तय करते आये हैं। लेकिन इस बार हालात बदले हैं। ओबीसी मतदाता जो भाजपा के साथ रहता था, इस बार बागी उम्मीदवार की वजह से बंट गया है। इस मत विभाजन का नुकसान भाजपा को ही हो रहा है। यहां भाजपा उसी सूरत में जीत सकती है, जब आबीसी वोट भाजपा के पक्ष में आ जाये और भाजपा के बागी के पक्ष में कम मतदान हो। और आप को आजाद से अधिक वोट मिलें।
ज्वालामुखी से अभी तक चुने गये विधायक
वर्ष चुने गये विधायक पार्टी संबद्धता
2017 रमेश धवाला भाजपा
2012 संजय रत्न कांग्रेस
2007 रमेश चंद भाजपा
2003 रमेश चंद भाजपा
1998 रमेश चंद निर्दलीय
1993 केवल सिंह कांग्रेस
1990 धनी राम भाजपा
1985 ईश्वर चंद निर्दलीय
1982 कश्मीर सिंह राणा भाजपा
1977 कश्मीर सिंह राणा जनता पार्टी