सीमावर्ती गांव रत्तोके की बूढ़ी मां के लिए अभिशाप बन गया जाट शब्द
नशे के आदी बेटे ने घर और सब कुछ बेच दिया
Sanghol Times Bureau/अमरकोट/29जुलाई,2023(गुरजंट सिंह ध्याना) –
पंजाब में बहने वाली छठी नदी नशे ने परिवार के घरों को तबाह कर दिया, यह नदी तरनतारन जिले के सीमावर्ती गांव रत्तोके की एक बुजुर्ग मां के लिए सबसे बड़ी आपदा बन गई है। पाकिस्तान की सीमा से सटे गांव रत्तोके में पानी की टंकी वाले कमरे में रहने वाली मां बलविंदर कौर कौम जाट बताती हैं कि उनके पास साढ़े छह किल्ले जमीन थी, इससे पहले उनके पति मखतूल सिंह को डायबिटीज के कारण अपने पैर गंवाने पड़े थे। इलाज के लिए उन्हें कुछ जमीन बेचनी पड़ी, लेकिन उचित इलाज न होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई, फिर बड़ा बेटा मंजीत सिंह नशे का आदी हो गया और धीरे-धीरे उसने सारी जमीन और घर बेच ली। चार साल पहले मंजीत सिंह की मौत हो गई थी। मौत के बाद बुजुर्ग मां और उसका एक बेटा गांव की पानी की टंकी में रहने को मजबूर हैं। मां का कहना है कि वह गांव के ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब में लंगर पकाने जाती हैं, जहां उन्हें प्रति माह 1500 रुपये और लंगर प्रसाद मिलता हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें आटा दाल योजना जैसी कोई भी सरकारी सुविधा नहीं मिलती क्योंकि वह जाट जाति से हैं, इस कारण जाट शब्द उनके लिए अभिशाप है।
माता ने सरकार से मांग की कि
आरक्षण जाति आधार पर नहीं बल्कि आर्थिक आधार पर होना चाहिए। जाति का आधार। यह आवश्यक है ताकि हम जैसे लोग सम्मानजनक जीवन जी सकें। इस मौके पर गांव के वरिष्ठ आप नेता गुरसेवक सिंह, अग्रेज सिंह बूटा सिंह आदि ने सरकार और दानी वीरों से अपील की कि बुजुर्ग मां के लिए पांच मरला प्लॉट पर एक कमरा बनाया जाए। इस परिवार की किसी भी तरह से मदद करने के लिए बुजुर्ग मां के बेटे के फोन नंबर 7087472087 पर संपर्क किया जा सकता है। जो बेटा चला गया है उसकी तस्वीर दिखा रहा हूं। जानकारी देते ग्रामीण