मुख्यमंत्री का वक्तव्य उनके गैरजिम्मेदाराना व्यवहार को प्रदर्शित करता है : धर्माणी
• क्या सरकार स्वास्थ्य सचिव के एक्शन का समर्थन करती है ?
Sanghol Times/शिमला/08.08.2023/Bureau – भाजपा प्रवक्ता महेंद्र धर्माणी ने कहा की आउटसोर्स कर्मचारियों के बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का वक्तव्य उनके गैरजिम्मेदाराना व्यवहार को प्रदर्शित करता है और हिमाचल प्रदेश के बेरोजगारो के साथ अन्याय है, धोखा है।
जो युवा और युवतियां कोविड के दौरान अपनी जान हथेली पर रखकर मरीजों की सेवा कर रहे थे, जिन्हें आए दिन सरकार द्वारा सम्मानित किया जा रहा था। आज उन्हें नौकरी से बर्खास्त किए जाने पर मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि वह ठेकेदार के पास काम करने वाले लोग हैं, यह सरकार क्या कर रही है जनता जानना चाहती है।
उन्होंने कहा कि 8 महीने पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कांग्रेस सरकार सत्ता में आई थी उस दिन से लेकर छोटे-छोटे कर्मचारियों का काम करना मुश्किल हो गया है, चाहे हम बिजली बोर्ड, स्वास्थ्य विभाग, जल शक्ति विभाग या अन्य विभागों की बात करें लगातार कर्मचारियों को निकालने की प्रक्रिया जारी है।
उन्होंने कहा 5 लाख बेरोजगारों को नौकरी देने वाली गारंटी देकर सत्ता में आई सरकार ने नौकरी तो कोई दी नहीं, परंतु सैकड़ों नौकरियां छीन ली है। भाजपा ने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान यह साबित करता है कि ना तो नौकरियां देने की इस सरकार को मंशा है ना नियत और ना ही कोई रोड मैप। केवल सत्ता प्राप्ति के लिए उन्होंने बेरोजगारों को ठगा है।
उन्होंने कहा कि हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग में हजारों भर्तियां लंबित पड़ी है, उन सबको हर रोज झूठे आश्वासन देकर लटकाया जा रहा है। जब भर्ती करने वाला संस्थान ही बंद हो गया तो भर्तियां कहा से होगी।
भाजपा ने कहा कि आउटसोर्स जिसे मुख्यमंत्री ठेका बोल रहे हैं उसमें 40 हजार से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत है, मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि क्या 40 हजार कर्मचारियों को वह निकालने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा जनता यह जानना चाहती है की सरकारी अधिकारी द्वारा लिया गया एक्शन ठीक है, अगर उन्होंने तीन एनएचएम के कर्मचारियों को इस प्रकार से निकला क्या सरकार उसका समर्थन करती है।
भाजपा यह मांग करती है कि सरकार आउटसोर्स कर्मियों को मात्र ठेकेदारों का नौकर न समझे, सरकारी क्षेत्र में अपनी सेवाएं देने वाला यह बहुत बड़ा वर्ग है। इस वर्ग के लिए सरकार को एक ठोस नीति बनानी चाहिए।