श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी प्रथम प्रकाशोत्सव जयंती सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में मनाई गई – प्रथम प्रकाशोत्सव की बधाई दी
गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब से सचखंड श्री हरमंदिर साहिब तक नगर कीर्तन का आयोजन किया गया
Sanghol Times/अमृतसर/Jagmeet Singh/16 सितंबर, 2023 –
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पहली जयंती के अवसर पर श्री आज बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सचखंड श्री हरिमंदर साहिब और गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब में मत्था टेका। इस ऐतिहासिक दिन के अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जहां पिछले कई दिनों से श्री अमृतसर शहर में जीवन जुगति कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की गई थी, वहीं आज गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब से सचखंड श्री हरमंदिर साहिब तक एक विशाल नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया और पांच प्यारों की अगुवाई में सजाए गए इस नगर कीर्तन की रवानगी के समय सचखंड श्री हरिमंदर साहिब के मुख्य ग्रंथी और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह और शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी पांच प्यारों, निशानची और नगारची सिंहों को सिरोपाओ देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में धार्मिक हस्तियां और संगतें पहुंची थीं।
नगर कीर्तन शुरू होने से पहले श्री अखंड पाठ साहिब के भोग डाले गए और रागी जत्थों ने गुरबानी कीर्तन किया। इस अवसर पर सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह ने संगत को प्रथम प्रकाशोत्सव की बधाई दी और कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब सिखों की इच्छा है और प्रत्येक सिख का कर्तव्य है कि वह पवित्र गुरबाणी के दिखाए मार्ग पर चलकर अपना जीवन जिए। उन्होंने कहा कि पांचवें पातशाह श्री गुरु अर्जन देव जी ने 1604 में अपने हाथ से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का संपादन किया और श्री हरिमंदर साहिब में पहला सचखंड प्रकाशित किया। उसी दिन पांचवें पातशाह श्री गुरु अर्जन देव जी ने बाबा बुड्ढा जी को पहली ग्रंथी सेवा प्रदान की, जिससे ग्रंथी परंपरा की शुरुआत हुई। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि गुरु के समय से लेकर आज तक प्रथम जयंती के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होते हैं और अपने पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के प्रति सम्मान और श्रद्धा अर्पित करते हैं। उन्होंने संगत को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पवित्र गुरबानी को अपने जीवन में अपनाने और गुरमति के अनुसार जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।
नगर कीर्तन के दौरान सिख युवाओं द्वारा गतका प्रदर्शन के साथ-साथ शबदी जत्थों ने शबद गाकर अपनी भक्ति व्यक्त की। इस दौरान जगह-जगह श्रद्धालुओं द्वारा विभिन्न व्यंजनों के लंगर भी लगाए गए। नगर कीर्तन के दौरान शिरोमणि कमेटी के महासचिव भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल, दूसरी कमेटी सदस्य स. सुरजीत सिंह तुगलवाल, बीबी गुरिंदर कौर भोलूवाला, पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष भाई राजिंदर सिंह मेहता और श्री। सुरजीत सिंह भिट्टेवड, सदस्य भाई अजैम सिंह प्रख्या, एडवोकेट भगवंत सिंह सियालका, सीनियर. गुरबचन सिंह करमुनवाला, स. गुरुमीत सिंह बूह, स. नवतेज सिंह कवनी, अकाली नेता। तलबीर सिंह गिल, डीसीपी प्रमिंदर सिंह भंडाल, स. महासंघ नेता अमरबीर सिंह ढोट, सचिव शिरोमणि कमेटी। प्रताप सिंह, ओएसडी सतबीर सिंह धामी, अपर सचिव। कुलविंदर सिंह रामदास, स. बलविंदर सिंह काहलवां, स. बिजय सिंह, प्रबंधक श्री दरबार साहिब। भगवंत सिंह धंगेरा, उप सचिव। गुरचरण सिंह कुहाला, स. गुरनाम सिंह, स. मनजीत सिंह कादियान, अधीक्षक। मलकीत सिंह बेहरवाल, हेड ग्रंथी भाई सुरजीत सिंह साबरा, मैनेजर स. बाघेल सिंह, एस. नरेन्द्र सिंह, श्री. सतनाम सिंह रियाड़, स. इकबाल सिंह हेड, मीट मैनेजर एस. गुरतिंदरपाल सिंह और विभिन्न सभा सोसायटियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।अटल राय साहिब में अलौकिक जलौसे सजाए गए। इसके साथ ही सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में रंग-बिरंगे फूलों की सजावट भी आकर्षण का केंद्र रही। सचखंड श्री हरमंदिर साहिब और गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब सहित विभिन्न धार्मिक स्थलों को दीपमाला से सजाया गया था। प्रकाश पर्व को समर्पित गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हॉल में आयोजित गुरमत समारोह के दौरान रागी, ढाडी और कविशर जत्थों ने संगत को गुरु जस से जोड़ा । गुरमति दिवस की बधाई देते हुए जीवन को जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि गुरबाणी सभी प्रकार की मानवीय समस्याओं का समाधान सुझाती है और हर इंसान के जीवन को खुशहाल बनाने का एक महत्वपूर्ण मार्ग है। शिरोमणि समिति प्रधान ने गुरबानी के अनमोल मूल्यों की रक्षा करने का आग्रह किया।