राष्ट्र हित में अपने समस्त व्यक्तिगत हितों की तिलांजलि देकर हर त्याग के लिए रहें तैयार, यही हमारी शहीद भगत सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि-राज्यपाल
– शहीद भगत सिंह के त्याग, तपस्या, देशभक्ति और कुर्बानियों से परिपूर्ण सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाकर राष्ट्र के नव-निर्माण की राह पर चलें युवा – श्री बंडारू दत्तात्रेय
Sanghol Times/चंडीगढ़, 27 सितंबर- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आह्वान करते हुए कहा की हम सभी को राष्ट्र हित में अपने समस्त व्यक्तिगत हितों की तिलांजलि देकर हर त्याग के लिए तैयार रहना चाहिए। यही शहीद भगत सिंह के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
राज्यपाल आज पंचकूला के सेक्टर 5 स्थित यवनिका ओपन एयर थियेटर में शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 116वीं जयंती की पूर्व संध्या पर शहीद भगत सिंह जागृति मंच द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल ने शहीद भगत सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी तथा परंपरागत दीप प्रज्वलित किया। इस अवसर पर शहीद चापेकर बंधु के प्रपौत्र राजीव यशवंत चापेकर तथा स्वातंत्र्यवीर सावरकर के सुपौत्र सात्यकि अशोक सावरकर भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने युवाओं का आहवान करते हुए कहा कि राष्ट्र के भावी कर्णधार युवा शहीद भगत सिंह के चित्र पर केवल फूल, मालाएं चढ़ाकर ही उन्हें अपनी ओर से श्रद्धांजलि अर्पित न करें बल्कि उनके त्याग, तपस्या, देशभक्ति और कुर्बानियों से परिपूर्ण सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाकर राष्ट्र के नव-निर्माण की राह पर चलें।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। वे एक महान क्रांतिकारी ही नहीं बल्कि एक महान अध्येता एवं महान युगदृष्टा भी थे। उन्हें यूं ही शहीद-ए-आजम नहीं कहा जाता। वे लाहौर स्थित द्वारकादास पुस्तकालय की ढ़ेर सारी पुस्तकों का अध्ययन कर न केवल खुद वैचारिक रूप से प्रखर हुए बल्कि उन्होंने लाहौर में शहीद सुखदेव एवं अन्य क्रांतिकारियों की सहायता से कई स्टडी सर्किल की भी स्थापना की। इससे हजारों युवाओं में वैचारिक प्रखरता आई।
उन्होंने कहा कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन तथा नौजवान सभा का गठन कर देश की अपूर्व सेवा की। उन्होंने कहा था कि वे न केवल एक देश के द्वारा दूसरे देश के शोषण के विरूद्ध हैं बल्कि एक व्यक्ति के द्वारा दूसरे व्यक्ति के शोषण का भी पुरजोर विरोध करते हैं। वह सच्चे अर्थों में मानवतावादी इंसान थे। उन्हें बम-पिस्तौल वाला आदमी कहना उचित नहीं है, क्योंकि उन्होंने कहा था कि क्रांति की धार बम-पिस्तौल से नहीं बल्कि विचारों की सान पर तेज होती है।
राज्यपाल ने कहा कि जंग-ए-आजादी के लिए सरदार भगत सिंह ने मात्र 23 वर्ष 6 महीने की आयु में भरी जवानी में अपने देश की आजादी के लिए शहादत दी, जोकि उनके जीवन का लक्ष्य था। आज उनकी कुर्बानी के फलस्वरूप पूरा देश उनके प्रति नतमस्तक होकर उन्हें याद कर रहा है।
श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि आज इस कार्यक्रम में शहीद चापेकर बंधु के प्रपौत्र राजीव यशवंत चापेकर और स्वातंत्र्यवीर सावरकर के सुपौत्र सात्यकि अशोक सावरकर उपस्थित हैं। उन्होंने कहा की देश की आजादी के लिए चापेकर बंधु और स्वातंत्र्यवीर सावरकर का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।
राज्यपाल ने शहीद भगत सिंह जागृति मंच को शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 116वीं जयंती के गरिमापूर्ण भव्य आयोजन करने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस मौके पर उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली विभूतियों और संस्थाओं को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर ट्राइसिटी के प्रमुख विद्यालयों के छात्रों ने देशभक्ति के रंग से भरे सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए।
इस मौके पर पंचकूला नगर निगम के महापौर कुलभूषण गोयल, उपायुक्त सुशील सारवान, पुलिस उपायुक्त मुकेश मल्होत्रा, अतिरिक्त उपायुक्त वर्षा खांगवाल, एसडीएम ममता शर्मा, आईटीबीपी के महानिरीक्षक (सेवानिवृत्त) ईश्वर सिंह दुहन, सुप्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर एम.एम. जुनेजा, पार्षद हरेंद्र मलिक, बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष उमेश सूद, पार्षद सोनिया सूद, डीपी सोनी, डीपी सिंघल, शहीद भगत सिंह जागृति मंच के प्रधान जगदीश भगत सिंह, महासचिव प्रदीप राठौर सहित भारी संख्या में लोग भी उपस्थित थे।