पंजाब पुलिस ने उभरते गायक नवजोत सिंह विर्क की सनसनीखेज हत्या केस की गुत्थी सुलझायी; एक व्यक्ति गिरफ़्तार
पंजाब पुलिस मुख्यमंत्री भगवंत मान की सोच के अनुसार पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध
हत्या में शामिल एक अन्य मुलजिम की पहले ही हो चुकी है मौत: एस.एस.पी. एसएएस नगर
Sanghol Times/चंडीगढ़/एसएएस नगर/15 दिसंबर,2023 –
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की दूरदर्शी सोच के अनुसार पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए जारी मुहिम के दौरान एस.ए.एस. नगर पुलिस ने उभरते गायक नवजोत सिंह विर्क, जिसको विशेष रूप से ईसापुरिया (22) के नाम से जाना जाता है, के सनसनीखेज कत्ल केस की गुत्थी सुलझाते हुए एक दोषी को गिरफ़्तार किया है।
यह जानकारी देते हुए सीनियर सुपरीटेंडैंट ऑफ पुलिस (एस.एस.पी.,) एस.ए.एस. नगर डॉ. सन्दीप कुमार गर्ग ने बताया कि पकड़े गए मुलजिम की पहचान उत्तर प्रदेश के शामली जिले के गाँव उमरपुर निवासी अभिषेक उर्फ रजत राणा (25) के रूप में हुई है। इस कत्ल में शामिल एक अन्य मुलजिम की पहचान सौरव निवासी सुल्तानपुर बरवाला के रूप में हुई है, जिसकी कथित तौर पर नशे की ओवरडोज़ के कारण पहले ही मौत हो चुकी है। कत्ल की इस वारदात में इस्तेमाल किया गया 9 एमएम पिस्तौल हरियाणा की रायपुर रानी पुलिस द्वारा पहले ही बरामद कर लिया गया था।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए एस.एस.पी. डॉ. सन्दीप कुमार गर्ग ने बताया कि यह मामला मई 2018 का है, जब अभिषेक ने अपने साथी सौरव के साथ मिलकर पीडि़त नवजोत विर्क की माईक्रा कार छीनने के लिए उसे निशाना बनाया और फिर दोनों पक्षों के दरमियान हुई तीखी बहस के बाद उक्त दोषियों ने नवजोत विर्क का गोली मारकर कत्ल कर दिया। उन्होंने बताया कि नवदीप विर्क के पारिवारिक सदस्यों को एक्सपो फोर्जिंग के नज़दीक बरवाला रोड पर उसकी निसान माईक्रा कार खड़े होने का पता लगा, जिसके बाद उनको उषा यार्न फैक्ट्री के खाली प्लॉट से गायक का शव बरामद हुआ।
इस सम्बन्धी भारतीय दंड संहिता (आई.पी.सी.) की धारा 302 और 34 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के अंतर्गत थाना डेराबस्सी में एफआईआर नंबर 144 तारीख़ 28.05.2018 के अधीन केस दर्ज किया गया था।
एसएसपी ने बताया कि इस घटना के बाद एसपी इन्वेस्टिगेशन अमनदीप सिंह बराड़ के नेतृत्व अधीन विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया था, जिसने इस मामले की पेशेवर और वैज्ञानिक ढंग से जांच की। एसआईटी में डीएसपी इन्वेस्टिगेशन गुरशेर सिंह और सीआईए इंचार्ज मोहाली शिव कुमार मैंबर के तौर पर शामिल थे।
उन्होंने बताया कि जांच से हुए खुलासे के अनुसार दोषी व्यक्ति यूपी-आधारित राहुल खट्टा गैंग के लिए काम कर रहे थे और कत्ल के पीछे का उद्देश्य मारे गए गायक की कार छीनना था, जिसको वह कथित रूप से किसी और अपराध में ईस्तेमाल करना चाहते थे।
जि़क्रयोग्य है कि गिरफ़्तार किए गए दोषी अभिषेक का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है और वह कत्ल, कत्ल की कोशिश, डकैती आदि से सम्बन्धित कम से कम सात आपराधिक मामलों का सामना कर रहा है।
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