कोक पेप्सी पर डायबिटीज ओर हृदय रोगों की चेतावनी क्यों नहीं जैसे सिगरेट के पैकेट पर होती है – डॉ. अर्चिता महाजन
ICMR और WHO की कथनी-करनी में फर्क क्यों
कोक और पेप्सी के लिए ऐड करने वालो पर देश के खिलाफ साजिश करने का मुकदमा चलाया जाए

बटाला/संघोल टाइम्स/ब्यूरो/17जून,2024- डॉ. अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट और ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि एक बार एक आदमी को कब्ज हो गई वह सिगरेट वाले के पास गया और उसको बोला कि सिगरेट दो तो उसने सिगरेट दी और कहा की इससे दस्त लग जाएंगे तो व्यक्ति बोला नहीं नहीं मुझे कैंसर वाली सिगरेट दो। ऐसा ही हाल हमारा है सब पता है फिर भी हम खुद भी खुलेआम कोक पेप्सी पी रहे हैं और मेहमाननेवाजी में भी धड़ाधड़ इस्तेमाल कर रहे हैं। एक तरफ ICMR और WHO रोज का 25 ग्राम से भी कम शुगर इनटेक करने का फ़रमान जारी कर रहा है। इधर हम भारतीय लोग 600ml से लेकर लीटर तक की पेप्सी कोक एक बार में ही पी जाते हैं। ध्यान देने वाली बात तो यह है कि 600 ml पेप्सी और कोक में लगभग 36 ग्राम शुगर होती है और 1 लीटर कोक पेप्सी में लगभग 60 ग्राम शुगर होती है अब आप लोग ही तय कीजिए कि भारत में डायबिटीज के पेशेंट बढ़ने का क्या कारण है।आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च) ने अपने एक हालिया रिपोर्ट में बताया है कि प्रतिदिन 25 ग्राम या पूरी तरह से चीनी के उपयोग को खत्म कर देनी चाहिए। क्योंकि चीनी कैलोरी बढ़ाने के अलावा शरीर को कोई भी अन्य पोषक तत्व नहीं देता है आईसीएमआर के अनुसार अधिकतम शरीर की ऊर्जा का पांच प्रतिशत या प्रतिदिन 25 ग्राम से अधिक चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए। 2000 कैलोरी से अधिक चीनी का सेवन आपकी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। WHO भी चीनी से मिलने वाली ऊर्जा प्रतिदिन खाद्य पदार्थ से मिलने वाली कुल ऊर्जा का 5% या उससे काम करने पर विचार कर रहा है।तो क्यों नहीं कोक और पेप्सी के लिए ऐड करने वालो अभिनेता पर देश के खिलाफ साजिश करने का मुकदमा चलाया जाए। ऐसा इसलिए भी करना जरूरी है क्योंकि कहीं डायबिटीज और हृदय रोगों के चुंगल में फंसकर भारत के भोले भाले लोग विदेशी दवा बनाने वाली कंपनियों के शिकार हो रहे हैं।
