क्या आप भी प्लास्टिक की बोतल में बच्चों को दूध देती है तो रुक जाइए – डॉ. अर्चिता महाजन
बच्चों को दूध के लिए स्टील की बोतल अपनाएं।दिल के रोग और डायबिटीज से बचाएं
बटाला/संघोल-टाइम्स/ब्यूरो/05Sep.,2024 –
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डाइटिशियन और चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट और ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया किप्लास्टिक की बोतल में रासायनिक पॉलीथीन होता है, न्युयोर्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इसपर शोध भी किया। उसमें ये बात सामने आई है कि प्लास्टिक की बोतलों में जो कैमिकल पाया जाता है वो हमारे हॉर्मोनल सिस्टम के लिए बहुत खतरनाक होता है।हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की रिसर्च के मुताबिक पॉली कार्बोनेट की बोतलों से पानी पीने में केमिकल बिस्फेनॉल ए पाया जाता है। इस केमिकल का ज्यादा सेवन दिल के रोग और डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ा सकते हैं। हमारे यहां तो कुछ परिवार में महिलाएं प्लास्टिक की बोतल में दूध डालकर सीधा ओवन में रखकर गर्म कर लेती हैं। और तो और दूध वाली बोतल को धोने के लिए अच्छी तरह से पानी में बार-बार बायल किया जाता है।रसायन का रिसाव तब होता है जब प्लास्टिक की बोतलों को गर्म किया जाता है (और यह बच्चों की बोतलों को स्टेरलाइज़ करने के लिए आवश्यक है) या बोतल की सामग्री गर्म होती है (बच्चों के लिए बोतलों में दूध गर्म करना रिवाज है)। एक जागरूक माता-पिता के रूप में, अपने बच्चे के लिए प्लास्टिक की बोतलें खरीदने से बचें – भले ही उस पर BPA-मुक्त लिखा हो।