इनेलो सुप्रीमो नहीं रहे – आज 2,00 बजे होगा संस्कार –
ओपी चौटाला के नाम 5 बार प्रदेश का सीएम बनने का रिकॉर्ड, 7 बार विधायक व एक बार राज्यसभा सांसद भी रह चुके
दिल का दौरा पडऩे से मेदांता में ली अंतिम सांस, शनिवार को 3 बजे सिरसा के चौटाला गांव में होगा अंतिम संस्कार
हरियाणा/हिसार/संघोल-टाइम्स(राजेश-सलूजा)20.12.2024 – : प्रदेश के पांच बार सीएम रहे पूर्व मुख्यमंत्री एवं इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला का शुक्रवार दोपहर 12 बजे दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया। कल दोपहर 3 बजे तेजा खेड़ा फार्म सिरसा के श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। वे 89 साल के थे। ओपी चौटाला शुक्रवार को गुरुग्राम में अपने घर पर थे। उन्हें दिल का दौरा पड़ा। जिसके बाद साढ़े 11 बजे उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में लाया गया। करीब आधे घंटे बाद दोपहर 12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। ओपी चौटाला पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की 5 संतानों में सबसे बड़े थे। उनका जन्म 1 जनवरी, 1935 को हुआ। वे 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। शुरुआती शिक्षा के बाद ही चौटाला ने पढ़ाई छोड़ दी थी। 2013 में शिक्षक भर्ती घोटाले के दौरान जब चौटाला तिहाड़ जेल में बंद थे, तब उन्होंने 82 साल की उम्र में 10वीं-12वीं की परीक्षा पास की। आज शुक्रवार (20 दिसंबर) शाम तक उनका पार्थिव शरीर सिरसा स्थित उनके पैतृक गांव चौटाला लाया जाएगा। कल सुबह 8 से 2 बजे तक उनकी पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए रखी जाएगी।
जानिए…इनेलो सुप्रीमो का चुनावी सफर
ओमप्रकाश चौटाला की चुनावी राजनीति की शुरुआत 1968 में शुरू हुई। उन्होंने पहला चुनाव देवीलाल की परंपरागत सीट ऐलनाबाद से लड़ा। उनके मुकाबले पूर्व सीएम राव बीरेंद्र सिंह की विशाल हरियाणा पार्टी से लालचंद खोड़ ने चुनाव लड़ा। इस चुनाव में चौटला हार गए। हालांकि हार के बाद भी चौटाला शांत नहीं बैठे। उन्होंने चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया और हाईकोर्ट पहुंच गए। एक साल चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने लालचंद की सदस्यता रद्द कर दी। 1970 में उपचुनाव हुए तो चौटाला ने जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने। साल 1987 के विधानसभा चुनाव में लोकदल को 90 सीटों में से 60 पर जीत मिली। ओपी चौटाला के पिता देवीलाल दूसरी बार सीएम बने। दो साल बाद हुए लोकसभा चुनाव में केंद्र में जनता दल की सरकार बन गई। जिसमें वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने। देवीलाल भी इस सरकार का हिस्सा बने और उन्हें उपप्रधानमंत्री बनाया गया। अगले दिन दिल्ली में लोकदल के विधायकों की बैठक हुई। जिसमें ओपी चौटाला को सीएम के लिए चुन लिया गया। 2 दिसंबर 1989 को ओमप्रकाश चौटाला पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। तब वे राज्यसभा सांसद थे। सीएम बने रहने के लिए उन्हें 6 महीने के भीतर विधायक बनना जरूरी था। देवीलाल ने उन्हें अपनी पारंपरिक सीट महम से चुनाव लड़वाया लेकिन खाप पंचायत ने इसका विरोध शुरू कर दिया। 27 फरवरी, 1990 को महम में वोटिंग हुई, जो हिंसा और बूथ कैप्चरिंग की भेंट चढ़ गई। चुनाव आयोग ने आठ बूथों पर दोबारा वोटिंग कराने के आदेश दिए। जब दोबारा वोटिंग हुई तो फिर से हिंसा भडक़ उठी। चुनाव आयोग ने फिर से चुनाव रद्द कर दिया। लंबे सियासी घटनाक्रम के बाद 27 मई को फिर से चुनाव की तारीखें तय की गई लेकिन वोटिंग से कुछ दिन पहले निर्दलीय उम्मीदवार अमीर सिंह की हत्या हो गई। चौटाला ने दांगी के वोट काटने के लिए अमीर सिंह को डमी कैंडिडेट बनाया था। अमीर सिंह और दांगी एक ही गांव मदीना के थे। हत्या का आरोप भी दांगी पर लगा। जब पुलिस दांगी को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंची तो उनके समर्थक भडक़ गए। पुलिस ने भीड़ पर गोलियां चली दीं। इसमें 10 लोगों की मौत हो गई। महम में हुई इस हिंसा का शोर संसद में भी गूंजने लगा। प्रधानमंत्री वीपी सिंह और गठबंधन के दबाव में तत्कालीन उपप्रधानमंत्री देवीलाल को झुकना पड़ा। पहली बार मुख्यमंत्री बनने के साढ़े 5 महीने बाद ही ओमप्रकाश चौटाला को इस्तीफा देना पड़ा। उनकी जगह बनारसी दास गुप्ता को सीएम बनाया गया। कुछ दिन बाद चौटाला दड़बा सीट से उपचुनाव जीत गए। बनारसी दास को 51 दिन बाद ही पद से हटाकर चौटाला दूसरी बार सीएम बन गए। मगर, महम में हुई हिंसा का मामला ठंडा नहीं हुआ। प्रधानमंत्री वीपी सिंह भी चाहते थे कि चौटाला पर जब तक केस चल रहा है वे सीएम न बनें। मजबूरन 5 दिन बाद ही चौटाला को फिर से पद छोडऩा पड़ा। अब की बार उन्होंने मास्टर हुकुम सिंह फोगाट को सीएम बनाया। साल 1990 के बाद प्रधानमंत्री वीपी सिंह सरकार को बाहर से समर्थन दे रही भाजपा ने राम मंदिर बनाने के लिए रथयात्रा निकालने का फैसला किया। वीपी सिंह ने आडवाणी से रथयात्रा न निकालने के लिए कहा लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद आडवाणी को बिहार के समस्तीपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी से नाराज भाजपा ने वीपी सिंह सरकार से समर्थन वापस से लिया। 7 नवंबर 1990 को वीपी सिंह की सरकार गिर गई। इसके बाद जनता दल से चंद्रशेखर पीएम बन गए और देवीलाल को उपप्रधानमंत्री बना दिया। इसके चार महीने बाद यानी, मार्च 1991 में देवीलाल ने हुकुम सिंह को हटाकर ओमप्रकाश चौटाला को तीसरी बार हरियाणा का मुख्यमंत्री बनवा दिया। 1996 में चुनाव के बाद बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी ने भाजपा के साथ सरकार बनाई। बंसीलाल सीएम बने लेकिन आपसी मतभेदों के चलते 1999 में भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद कांग्रेस ने बंसीलाल सरकार को समर्थन दिया। विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई तो कांग्रेस की मदद से सरकार बच गई। सरकार बचाने के एवज में तय हुआ था कि बंसीलाल अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करेंगे और विधानसभा भंग करके चुनाव कराए जाएंगे। चुनाव में टिकट के लिए अपने उम्मीदवारों की लिस्ट भी उन्हें सौंपी। जिसे देख सोनिया गांधी ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया और बंसीलाल नाराज होकर लौट आए। इसके बाद कांग्रेस ने समर्थन वापस ले लिया और बंसीलाल की सरकार गिर गई। तब तक ओपी चौटाला के पिता देवीलाल ने 1996 में इंडियन नेशनल लोकदल यानी इनेलो नाम से नई पार्टी बना ली थी। 1999 में बंसीलाल की सरकार गिरते ही ओमप्रकाश चौटाला एक्टिव हो गए। उन्होंने बंसीलाल की पार्टी के कुछ विधायकों को तोडक़र सरकार बना ली। 24 जुलाई को ओमप्रकाश चौटाला चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। साल 2000 में हरियाणा में फिर से विधानसभा चुनाव हुए। चौटाला ने भाजपा के साथ गठबंधन किया। साथ ही मुफ्त बिजली और कर्ज माफी का वादा किया। इसके बूते इनेलो ने अकेले ही बहुमत हासिल कर लिया। ओमप्रकाश चौटाला पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने थे।
बड़े नेताओं ने चौटाला के निधन पर शोक जताया
– कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा- हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ नेता चौ. ओम प्रकाश चौटाला के निधन का समाचार दु:खद है। उन्होंने हरियाणा और देश की सेवा में उचित योगदान दिया।
– सीएम नायब सैनी ने कहा- इनेलो सुप्रीमो एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला जी का निधन अत्यंत दु:खद है। उन्होंने प्रदेश और समाज की जीवन भर सेवा की। देश व हरियाणा प्रदेश की राजनीति के लिए यह अपूरणीय क्षति है।
– हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा- बेहद दुखदाई खबर है। वो बहुत अच्छे एडमिनिस्ट्रेटर थे। उनकी यादाश्त बहुत थी, जिनसे एक बार मिल लेते थे भूलते नहीं थे।
– सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा- पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला का निधन पूरे राज्य और देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में बड़ा योगदान दिया।
– पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने ओपी चौटाला के निधन पर शोक जताया। उन्होंने चौटाला के साथ अपनी फोटो शेयर करते हुए कहा- उन्होंने अपने पूरे जीवन में उन्होंने किसानों और गरीबों के हितों की वकालत की। उनका निधन मेरे और मेरे परिवार के लिए भी एक बहुत बड़ी व्यक्तिगत क्षति है।
