
राष्ट्रीय युवा दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह – मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने युवाओं के लिए सौग़ातों की लगाई झड़ी
ग्रामीण युवाओं के लिए एक साथ 250 ज़िम का किया उदघाटन
अंतर युवा क्लब खेलों ” को वार्षिक खेल कैलेंडर में शामिल करने की घोषणा
कहा ,हर ब्लॉक में कम से कम एक आईटीआई खोली जाएगी
20 ब्लाकों में भी आई.टी.आई. खोलने पर 400 करोड़ रुपये की आएगी लागत
विभिन्न देशों की भाषाओं में युवाओं को दक्ष बनाने के लिए बनाई जाएगी एक खास नीति , संबंधित एजेसी से प्रमाणित करवाने का खर्च वहन करेगी सरकार
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चंडीगढ़/संघोल-टाइम्स/हरमिंदर-नागपाल/जगमीत-सिंह/12 जनवरी, 2025- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज स्वामी विवेकानंद की 163 वीं जयंती युवाओं को समर्पित करते हुए प्रदेश के युवाओं के लिए सौग़ातों की झड़ी लगा दी। उन्होंने ग्रामीण युवाओं के लिए एक साथ 250 ज़िम का उदघाटन करने के बाद जहां आठ अधिसूचित खेलों के लिए मुफ्त खेल उपकरण तथा राज्य के वार्षिक खेल कैलेंडर में ” अंतर युवा क्लब खेलों ” को शामिल करने की घोषणा की , वहीं प्रदेश के हर ब्लॉक में कम से कम एक आईटीआई खोलने की बात कही।
मुख्यमंत्री यही नहीं रुके उन्होंने विभिन्न देशों की भाषाओं में युवाओं को दक्ष बनाने के लिए एक खास नीति बनाने और उसे संबंधित एजेसी से प्रमाणित करवाने का खर्च भी सरकार द्वारा वहन करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी आज राष्ट्रीय युवा दिवस और स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में युवाओं को सम्बोधित कर रहे थे।
इससे पूर्व उन्होंने युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूकता के लिए प्रेरित करने वाले एक गीत का लोकार्पण किया जिसको प्रसिद्ध गायक नवीन पुनिया ने गाया। उन्होंने आईटीआई के प्रशिक्षुओं को जॉब के ऑफर लैटर भी प्रदान किए। उन्होंने एनएसएस के अवार्डी युवाओं और वालंटियर्स को भी सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने अपने ओजस्वी भाषण में स्वामी विवेकानंद को नमन करते हुए युवाओं को प्रदेश से नशा की सामाजिक बुराई को समाप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने भारत में नव-जागरण का शंखनाद किया था। उन्होंने देशवासियों में आत्म-सम्मान और गौरव से जीने की लौ तथा आध्यात्मिक जागृति पैदा की।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द भी कुश्ती के खेल को बहुत पसंद करते थे। वे पढ़ने के भी बहुत शौक़ीन थे , इतने ध्यान और एकाग्रचित्त होकर पढ़ते थे कि वे एक बार जिस किताब को पढ़ लेते थे वह कभी नहीं भुलते थे।