यमुना से सतलुज को दिया जाना चाहिए पानी – मान
हमारे पास किसी को देने के लिए एक बूँद भी फ़ाल्तू पानी नहीं – मुख्यमंत्री
दिल्ली में हुई मीटिंग में मज़बूती से रखा पंजाब का पक्ष
एस. वाई. एल. के काँटे बीजने वाले मुझे सलाह न दें – मान
SangholTimes/Gurjit/नईं दिल्ली/04जनवरी, 2023 –
सतलुज यमुना लिंक (एस. वाई. एल.) नहर के मुद्दे पर भारत सरकार के समक्ष पंजाब का पक्ष ज़ोरदार ढंग से पेश करते हुये मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज स्पष्ट शब्दों में कहा कि पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए एक बूँद भी फ़ाल्तू पानी नहीं है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंदर सिंह शेखावत की मौजूदगी में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भूजल का स्तर घटने से हमारे 150 ब्लाकों में से 78 प्रतिशत ब्लाक गंभीर खतरे के स्तर पर (डार्क जोन) पहुँच चुके हैं जिस कारण पंजाब किसी अन्य राज्य को पानी नहीं दे सकता।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब इस नहर के लिए यह पंजाब विरोधी समझौता किया गया था तो उस समय पर राज्य को 18.56 मिलियन एकड़ फुट (एम. ए. एफ.) पानी मिल रहा था जो अब कम होकर 12.63 एम. ए. एफ. रह गया है। उन्होंने कहा कि अब तो पंजाब के पास किसी अन्य राज्य को देने के लिए फ़ाल्तू पानी है ही नहीं। भगवंत मान ने कहा कि इस समय पर हरियाणा को सतलुज, यमुना और अन्य नदियों से ही 14.10 एम. ए. एफ. पानी मिल रहा है जबकि पंजाब को सिर्फ़ 12.63 एम. ए. एफ. पानी मिल रहा है।
इस प्रोजैक्ट के नाम और प्रस्ताव को बदलने की वकालत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको सतलुज यमुना लिंक (एस. वाई. एल.) नहर की बजाय अब यमुना सतलुज लिंक (वाई. एस. एल.) नहर मान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सतलुज दरिया में तो पहले ही पानी ख़त्म हुआ है जिस कारण इससे एक बूंद भी देने का सवाल पैदा नहीं होता।
भगवंत मान ने कहा कि इस स्थिति के मद्देनजऱ तो पंजाब को सतलुज दरिया के द्वारा गंगा और यमुना से पानी देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यही एक ठोस विकल्प है जिसको राज्य में पानी की कमी की चिंताजनक स्थिति को ध्यान में रखते हुए विचारना चाहिए। उन्होंने कहा कि छोटा राज्य होने के बावजूद हरियाणा को पंजाब की अपेक्षा अधिक पानी मिल रहा है और दुख की बात यह है कि पंजाब की कीमत पर और पानी माँगा जा रहा है। इस स्थिति के संदर्भ में भगवंत मान ने कहा कि जब हमारे राज्य के खेत पानी बिना सूख रहे हैं तो हरियाणा को पानी कैसे दिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का नहरी ढांचा सदियों पुराना है जिस कारण जि़ला जो राज्य केंद्र है, भी नहरी पानी की टेल पर पड़ता है। उन्होंने दुख के साथ कहा कि केंद्र सरकार ने नहरी ढांचे का कायाकल्प करने के लिए एक पैसा भी राज्य को नहीं दिया जिस कारण किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य में 14 लाख ट्यूबवैल हैं जो राज्य की सिंचाई ज़रूरतों की पूर्ति के लिए निरंतर पानी निकाल रहे हैं और राज्य ने मुल्क को अनाज पक्ष से आत्म-निर्भर बनाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कितनी हैरानी की बात है कि हरियाणा के पास फ़ाल्तू पानी होने के कारण यह राज्य अपने जिलों में धान की फ़सल की खेती को उत्साहित कर रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ़ पंजाब जो पानी बचाने के लिए जद्दो-जहद कर रहा है, किसानों को पानी की कम खपत वाली फसलें अपनाने के लिए अपीलें कर रहा है। भगवंत मान ने कहा कि चाहे पंजाब के किसानों ने धान की रिकार्ड पैदावार करके मुल्क को आत्म-निर्भर बनाया परन्तु इसकी ख़ातिर राज्य ने पानी के रूप में एकमात्र बेशकीमती कुदरती स्रोत दांव पर लगा दिया।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर दुख जताया कि विश्व स्तर पर सभी जल समझौतों में जलवायु परिवर्तन के मद्देनजऱ 25 सालों बाद रिविऊ करने की धारा का जिक्र है परन्तु केवल सतलुज यमुना लिंक नहर ऐसा अपवाद है जिसमें ऐसी धारा का जिक्र ही नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब के साथ यह बड़ी बेइन्साफ़ी हुई है और इसकी जि़म्मेदार उस समय की केंद्र सरकार और पंजाब की लीडरशिप है।
कांग्रेसी और अकालियों पर तीखा हमला बोलते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दोनों पार्टियाँ पंजाब के खि़लाफ़ हुए इस जुर्म में हिस्सेदार हैं। उन्होंने कहा कि यह दोनों पार्टियाँ पंजाब और पंजाबियों के खि़लाफ़ इस साजिश रचने के लिए आपस में मिलीं हुई हैं। भगवंत मान ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल ने अपने मित्र और हरियाणा के नेता देवी लाल को खुश करने के लिए नहर के सर्वे के लिए इजाज़त दी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह पटियाला के शाही घराने के फज़ऱ्ंद और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह, जोकि उस समय पर मैंबर पार्लियामेंट थे, ने समकालीन प्रधानमंत्री का इस घातक कदम की शुरुआत करने के लिए हार्दिक स्वागत किया था। उन्होंने कहा कि सर्वे से अब तक इन नेताओं का हर कदम पंजाब और यहाँ के लोगों के खि़लाफ़ धोखे को उजागर करता है। भगवंत मान ने कहा कि यह दुखदायक है कि जिन लोगों ने इस फ़ैसले का स्वागत किया था आज वह उनको ही बिना चाहे सलाह के रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नेताओं ने इस ना-माफीयोग्य जुर्म का हिस्सा बन कर पंजाब और इसकी नौजवान पीढ़ी के रास्तें में कांटे बीजे हैं। उन्होंने कहा कि अपने निजी फायदों के लिए इन लोगों ने राज्य को निराशा की भट्टी में झोंका है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं के हाथ राज्य के खि़लाफ़ गद्दारी और जुर्म से भीगे हुए हैं और इतिहास राज्य की पीठ में चाकू घोंपने वाले इन नेताओं को कभी माफ नहीं करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब के हितों की सुरक्षा उच्च अदालत में भी पूरी अच्छी तरह और संजीदगी से करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के हकों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाया जायेगा। भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा पंजाब का छोटा भाई है परन्तु पंजाब के पास इसको बाँटने के लिए एक बूँद भी फ़ाल्तू पानी नहीं है।
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