
सी.बी.जी. प्रोजैक्टों में सालाना 1.8 मिलियन टन धान की पराली का होगा प्रयोग: अमन अरोड़ा
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री ने सी.बी.जी. डिवल्परों के साथ विचार-विमर्श के लिए आयोजित समारोह की अध्यक्षता की और प्रोजैक्ट लगाने में तेज़ी लाने के लिए कहा
पेडा द्वारा अलॉट किये गए 43 सी.बी.जी. प्रोजैक्ट मुकम्मल होने पर सालाना 2 मिलियन टन धान की पराली का उपभोग करके 515.58 टी.पी.डी. सी.बी.जी. पैदा करेंगे
SangholTimes/चंडीगढ़/10 जनवरी,2023 –
पराली जलाने की समस्या के स्थायी हल और राज्य के किसानों की आमदन में वृद्धि करने के लिए मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने राज्य में लगाए जा रहे 43 कम्प्रैस्ड बायोगैस (सी.बी.जी.) प्रोजैक्टों में सालाना तकरीबन 1.8 मिलियन टन धान की पराली का प्रयोग करने की योजना बनाई है।
यह जानकारी पंजाब के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने आज यहाँ पेडा कॉम्पलैक्स में सी.बी.जी. डिवल्परों के साथ विचार-विमर्श के लिए आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए साझा की।
सी.बी.जी. डिवल्परों को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार गैस पाईपलाईनों के द्वारा सी.बी.जी. की ऑफ टेकिंग के लिए पेडा, गेल, सी.जी.डी. कम्पनियां, सी.बी.जी. उत्पादकों और पी.बी.आई.पी. जैसे सभी हिस्सेदारों का कोर ग्रुप बनाने की प्रक्रिया अधीन है।
उन्होंने कहा कि 33.23 टन प्रतिदिन (टी.पी.डी.) कुल क्षमता वाला एशिया का सबसे बड़ा सी.बी.जी. प्लांट संगरूर में चालू किया जा चुका है और 12 टी.पी.डी. क्षमता का एक और सी.बी.जी. प्रोजैक्ट खन्ना में कार्यशील किया गया है, जिसका ट्रायल चल रहा है। मौजूदा समय में इस प्लांट में रोज़ाना लगभग 3 टन सी.बी.जी. का उत्पादन हो रहा है।
उन्होंने कहा कि पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) द्वारा अलॉट किये गए 41 और सी.बी.जी. प्रोजैक्ट अलग- अलग पड़ावों पर लागू किये जा रहे हैं और इनके अगले दो सालों में कार्यशील होने की उम्मीद है।
श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि इन सभी प्रोजैक्टों के मुकम्मल होने पर सालाना लगभग 20 लाख टन कृषि अवशेष का उपभोग होगा और 515.58 टी.पी.डी. सी.बी.जी. पैदा करेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य में 10 टी.पी.डी. क्षमता वाले 200 और सी.बी.जी. प्रोजैक्ट स्थापित करने की क्षमता है क्योंकि राज्य में प्रति वर्ष लगभग 20 मिलियन टन धान की पराली का उत्पादन होता है।
राज्य सरकार द्वारा सी.बी.जी. डिवल्परों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन देते हुए श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार इनवैस्ट पंजाब के द्वारा सिंगल स्टॉप क्लीयरेंस जैसी सुविधाएं देने के साथ-साथ ज़मीन के रजिस्ट्रेशन चार्जिज़ और स्टैंप ड्यूटी पर छूट देने के साथ-साथ बिजली के खर्चों, सी.एल.यू. और ई.डी.सी. के खर्चों से छूट जैसी अन्य कई रियायतें भी प्रदान कर रही है।
श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य में कृषि अवशेष पर आधारित सी.बी.जी. प्रोजैक्टों द्वारा तैयार की गई फरमैंटिड ऑर्गेनिक मैन्यूर (जैविक खाद) की लिफ्टिंग और खरीद के लिए पहले ही एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी (पी.ए.यू.), लुधियाना को निर्देश दिए गए हैं कि वह खेती और बाग़बानी में एफ.ओ.एम. के प्रयोग पर अध्ययन करवाए और विस्तृत रिपोर्ट पेश करे।
उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार के ठोस यत्नों के स्वरूप नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार ने 02.11.2022 के अपने नोटिफिकेशन के द्वारा, सी.बी.जी. प्रोजैक्टों पर केंद्रीय वित्तीय सहायता (सी.एफ.ए.) की व्यवस्था को फिर बहाल किया है, जोकि 4.8 टी.डी.पी. क्षमता के पीछे 4 करोड़ रुपए है। अधिक से अधिक सी.एफ.ए. 10 करोड़ रुपए प्रति प्रोजैक्ट है।
इस दौरान पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी (पी.ए.यू.), लुधियाना के वी.सी. डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने बताया कि पीएयू द्वारा एफ.ओ.एम. के प्रयोग के बारे में अध्ययन किया जा रहा है और इस सम्बन्धी इस साल अप्रैल में एक एडवाइजरी जारी की जायेगी।
मीटिंग में सी.बी.जी. डिवल्परों का स्वागत करते हुए चेयरमैन पेडा श्री एच.एस. हंसपाल ने कहा कि सी.बी.जी. प्रोजैक्ट कृषि अवशेष, कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण का ठोस समाधान हैं। आपकी कोशिशों को देश की सेवा में योगदान माना जायेगा। यह प्रोजैक्ट किसानों के लिए अतिरिक्त राजस्व स्रोत पैदा करने के अलावा, नए उद्यमों की शुरुआत और ग्रामीण आर्थिकता को बढ़ावा देंगे।
पेडा के मुख्य कार्यकारी श्री सुमित जारंगल ने कहा कि मान सरकार की ईज़ ऑफ डुईंग बिजऩेस नीति के कारण पंजाब के उद्यमियों के लिए सबसे पसन्दीदा राज्यों में से एक बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि हिन्दोस्तान पैट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एच.पी.सी.एल.) द्वारा बठिंडा जिले में एक बायो-ईथानॉल प्रोजैक्ट भी स्थापित कर रही है, जिसमें दो लाख टन धान की पराली का उपभोग करके 100 किलोलिटर 2जी ईथानॉल का उत्पादन किया जायेगा। इस प्रोजैक्ट के फरवरी 2024 में कार्यशील होने की उम्मीद है।
समारोह में लगभग 100 प्रमुख सी.बी.जी डिवल्परों और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की।
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