खेलों की मिट्टी से फिर उठेगा हरियाणा का परचम, 13 साल बाद लौट रहे हैं स्टेट गेम्स का जोश!
2 नवंबर से 8 नवंबर तक आठ शहरों में गूंजेगा ‘जय खेलो हरियाणा’ का नारा,
हरियाणा भर के 7 हजार खिलाड़ी अलग-अलग खेलों में दिखाएंगे दम
चंडीगढ़/SANGHOL-TIMES/H. NAGPAL/JAGMEET-SINGH/31अक्तूबर,2025- हरियाणा… वो धरती, जिसने देश को सबसे ज्यादा पदक, पसीना और परचम दिए हैं।अब वही धरती फिर से तैयार है अपने खेल संस्कारों को नए जोश के साथ जगाने के लिए। करीब 13 साल बाद, हरियाणा एक बार फिर 27वें स्टेट गेम्स के साथ खेलों की राजधानी का इतिहास दोहराने जा रहा है। 2 से 8 नवंबर तक चलने वाले इन खेलों का शुभारंभ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा की मौजूदगी में होगा।
इन खेलों को सिरे चढ़ाने का श्रेय हरियाणा ओलंपिक संघ के अध्यक्ष कप्तान जसविंद्र सिंह ‘मीनू बेनीवाल’ को दिया जा रहा है, जिन्होंने वर्षों बाद इस आयोजन को पुनर्जीवित कर दिया है। इस बार खेलों की गूंज सिर्फ एक शहर तक सीमित नहीं रहेगी। हरियाणा के आठ शहरों – गुरुग्राम, सोनीपत, कुरुक्षेत्र, फरीदाबाद, पंचकूला, झज्जर, रोहतक और करनाल के साथ-साथ नई दिल्ली और चंडीगढ़ भी इस महाउत्सव का हिस्सा होंगे।
मुख्य आयोजन स्थल गुरुग्राम रहेगा, जबकि समापन समारोह का मंच सोनीपत या कुरुक्षेत्र बनेगा। कुल 24 खेल विधाओं में होने वाले मुकाबलों में लगभग 7 हजार खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। हरियाणा के हर कोने से आए ये खिलाड़ी अपने-अपने क्षेत्र की शान बनकर उतरेंगे मैदान में। यह खेल सिर्फ मैदान की लड़ाई नहीं होंगे, हरियाणा की खेल परंपरा और आधुनिक प्रतिभा का संगम साबित होंगे।
हरियाणा ओलंपिक संघ इन खेलों को सिर्फ आयोजन नहीं, बल्कि एक नई शुरूआत के रूप में देख रहा है। अध्यक्ष मीनू बेनीवाल लगातार मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, खेल मंत्री गौरव गौतम, प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क और निदेशक संजीव वर्मा के साथ बैठकें कर तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। हर आयोजन स्थल पर खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं, डिजिटल स्कोरिंग, मेडिकल व सुरक्षा प्रबंध और लाइव स्ट्रीमिंग सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है।
जहां-जहां बजेगा खेलों का बिगुल
गुरुग्राम: हॉकी, एथलेटिक्स, हैंडबॉल, टेबल टेनिस
फरीदाबाद: आर्चरी, वेटलिफ्टिंग, फेंसिंग, टेनिस
सोनीपत: नेटबॉल, कुश्ती, कराटे, जूडो
कुरुक्षेत्र: योगासना, साइक्लिंग (रोड और ट्रैक इवेंट्स)
पंचकूला: कबड्डी, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन
झज्जर: ट्रायथलॉन (तैराकी, साइक्लिंग, दौड़)
रोहतक: बॉक्सिंग
करनाल: फुटबॉल
नई दिल्ली: शूटिंग
चंडीगढ़: नौकायन (जलक्रीड़ा)
‘महाबली’ बनेगा हरियाणा की ताकत का प्रतीक
27वें स्टेट गेम्स का मास्कट ‘महाबली’ पहले ही चर्चा में है। चीते की गति और पहलवान की ताकत लिए यह प्रतीक हरियाणा की उसी भावना का प्रतिनिधित्व करता है, जिसने देश को नीरज चोपड़ा से लेकर साक्षी मलिक तक जैसे नाम दिए। इन खेलों की थीम है – ‘खेलो हरियाणा, बढ़ो आगे’, जो हर युवा को अपने अंदर के खिलाड़ी को पहचानने का संदेश देती है।
13 साल का ठहराव, अब नए जोश की उड़ान
पिछले बार स्टेट गेम्स का आयोजन 2012 में हुआ था। तब से अब तक हरियाणा ने देश को अनगिनत अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए, लेकिन राज्य स्तर का यह मंच ठहर गया था। अब जब यह आयोजन लौट रहा है, तो खिलाड़ियों और कोचों में गजब का उत्साह है। कई खिलाड़ी इसे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय चयन का लॉन्चपैड मान रहे हैं।
हरियाणा की मिट्टी बोलेगी – खेल ही हमारी पहचान
खेलों की तैयारियों के बीच एक बात साफ है – हरियाणा का खेल-डीएनए अब भी जिंदा है। गांवों के अखाड़ों से लेकर शहरों के स्टेडियम तक, हरियाणा का बच्चा अब भी मैदान की मिट्टी से अपना भविष्य गढ़ना जानता है। 27वें हरियाणा स्टेट गेम्स सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि खेलों की संस्कृति की पुनर्स्थापना हैं। ये दिखाएंगे कि अगर भारत का दिल दिल्ली है, तो उसकी खेल-धड़कन हरियाणा है।
कॉट्स
27वें हरियाणा स्टेट गेम्स की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा की मौजूदगी में इन खेलों का आगाज होगा। हरियाणा ओलंपिक संघ की कोशिश रहेगी कि खिलाड़ियों को किसी तरह की समस्या ना हो। इसके लिए व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं।
-कप्तान जसविंद्र सिंह ‘मीनू बेनीवाल’, एचओए अध्यक्ष।
