बहुमूल्य जल स्रोत संरक्षण समय की मुख्य ज़रूरतः मीत हेयर
भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार राज्य के हर हिस्से में भूमिगत पाईपें बिछाने पर दे रही है ज़ोर
भूमि और जल संरक्षण मंत्री द्वारा विभागीय कामकाज की समीक्षा
Sanghol Times/चंडीगढ़/22जून,2023 –
राज्य में भूजल के गिरते स्तर के मद्देनज़र भूमि एवं जल संरक्षण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने राज्य के किसानों के प्रति मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की वचनबद्धता और बहुमूल्य जल स्रोतों के सरंक्षण पर ज़ोर देते हुए विभाग को नये प्रोग्राम बनाने और चल रहे जल संरक्षण और प्रबंधन को और तेज करने के लिए कहा।
मीत हेयर ने कृषि के लिए सिंचाई हेतु नहरी पानी और उपचारित पानी का प्रयोग अधिक से अधिक करने और भूमिगत पाईपलाइन प्रोग्राम को राज्य के कोने-कोने तक पहुँचाने पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने विभाग को ज़मीनी स्तर पर जागरूकता पैदा करके राज्य में जल प्रबंधन और संरक्षण के लिए लोक लहर शुरू करने का आह्वान किया।
मीत हेयर ने यह निर्देश पंजाब भवन चंडीगढ़ में हुई भूमि एवं जल संरक्षण विभाग के कामकाज का जायज़ा लेने के लिए बुलायी गई मीटिंग के दौरान दिए।
विभाग की वॉटरशैड्ड स्कीम का जायज़ा लेते हुए भूमि एवं जल संरक्षण मंत्री ने भूमि रहित किसानों और महिलाओं को प्रोजेक्ट क्षेत्रों में स्व-सहायता ग्रुप बनाकर वित्तीय सहायता प्रदान करके उनको अधिक से अधिक लाभ देने पर ज़ोर दिया। उन्होंने मानसून में बरसाती पानी के संरक्षण के लिए जल तालाब और चैक डैमों के निर्माण पर काम तेज करने पर भी ज़ोर दिया।
विभागीय अधिकारियों ने मंत्री को एक प्रस्तुति देते हुए बताया कि विभाग के कार्यों का मुख्य उद्देश्य सिंचाई वाले पानी का प्रयोग कुशलता में वृद्धि और वैकल्पिक सिंचाई जल स्रोतों का विकास करना है क्योंकि राज्य के 90 प्रतिशत से अधिक जल स्रोतों का प्रयोग अकेले कृषि क्षेत्र में किया जा रहा है। विभाग के मुख्य कार्यों में भूमिगत पाईपलाइन सिस्टम, कृषि में उपचारित जल का प्रयोग, बूंद व फुव्वारा व्यवस्था, बरसाती पानी का संरक्षण, वॉटरशैड्ड आधारित प्रोग्रामों के अलावा अन्य कार्य शामिल हैं।
मीटिंग के दौरान विभाग द्वारा प्रस्तावित पदों के पुनर्गठन बारे भी चर्चा की गई। भूमि एवं जल संरक्षण मंत्री ने बताया कि जल्द ही इस पुनर्गठन को अंतिम रूप देने के बाद नयी भर्ती मुहिम चलाई जायेगी।
मीटिंग में अतिरिक्त मुख्य सचिव भूमि एवं जल संरक्षण के.ए.पी. सिन्हा, मुख्य भूमि पाल महेन्दर सिंह सैनी सहित विभाग के अन्य उच्च अधिकारी भी उपस्थित थे।
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