पंजाब ने कृषि बुनियादी ढांचा फंड योजना अधीन सबसे अधिक आवेदनों की मंज़ूरी के साथ देश में दूसरा स्थान हासिल किया: चेतन सिंह जौड़ामाजरा
जुलाई तक 4745 आवेदनों को दी मंज़ूरी
पंजाब ने पड़ोसी राज्य हरियाणा को 1316 करोड़ के मुकाबले 1395 करोड़ रुपए मंज़ूर कर पीछे छोड़ा
Sanghol Times/चंडीगढ06 अगस्त,2023 –
पंजाब ने कृषि बुनियादी ढांचा फंड (ए.आई.एफ) स्कीम अधीन खेती उपज के बाद के प्रबंधन सम्बन्धी प्रोजेक्टों और सामुदायिक खेती सम्पत्तियों के लिए सबसे अधिक आवेदनों को मंज़ूरी देकर देश भर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
पंजाब के बाग़बानी मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने इस वित्तीय वर्ष दौरान ए.आई.एफ स्कीम के अंतर्गत राज्य द्वारा की गई बेमिसाल प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए बताया कि 31 जुलाई तक पंजाब ने कुल 4745 आवेदन मंज़ूर करके देश भर में दूसरा स्थान हासिल किया है। उन्होंने बताया कि आवेदनों को मंज़ूरी देने के मामले में सर्वोच्च पाँच राज्यों में मध्य प्रदेश (6316 आवेदन), पंजाब (4745), महाराष्ट्र (4178), उत्तर प्रदेश (2244) और कर्नाटक (2029 आवेदन) शामिल हैं।
इस बारे में अधिक ब्योरा साझा करते हुए स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कहा कि पंजाब ने स्वीकृत की गई कुल राशि के मामले में हरियाणा को पछाड़ दिया है और हरियाणा के 1316 करोड़ रुपए के मुकाबले 1395 करोड़ रुपए मंज़ूर करने के साथ पंजाब अब देश भर में 9वें स्थान पर है।
बाग़बानी मंत्री ने बताया कि प्राप्त हुए कुल आवेदनों में पंजाब के पाँच ज़िले बठिंडा (1095), फ़ाजिल्का (1015), पटियाला (842), श्री मुक्तसर साहिब (784) और संगरूर (783) ने शानदार प्रदर्शन करके सर्वोच्च स्थान प्राप्त किए हैं। उन्होंने बताया कि ए.आई.एफ की सहायता से राज्य में कई कस्टम हायरिंग सैंटर, प्राथमिक प्रोसेसिंग यूनिट, स्टोरेज स्ट्रक्चर, कोल्ड स्टोर आदि स्थापित किए जा रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि बाग़बानी विभाग, पंजाब में इस स्कीम के लिए नोडल एजेंसी है, जिसने इस स्कीम के सुचारू लागूकरण के लिए एक समर्पित प्राजैकट निगरान यूनिट स्थापित किया हुआ है। उन्होंने बताया कि पूरे देश में इस स्कीम के अंतर्गत वित्तीय सुविधा के लिए कुल 1 लाख करोड़ रुपए आरक्षित रखे गए हैं, जिसमें से पंजाब के लिए 4713 करोड़ रुपए रखे गए हैं।
बाग़बानी मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने बताया कि ए.आई.एफ स्कीम के अंतर्गत योग्य गतिविधियों के लिए 2 करोड़ रुपए तक के मियादी कर्ज़े पर 3 प्रतिशत ब्याज सहायता दी जाती है जबकि ब्याज दर की हद 9 प्रतिशत निश्चित की गई है और इस सहायता का लाभ 7 सालों तक लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि योजना के लाभ को विभिन्न सबसिडीज़ के साथ जोड़ा जा सकता है और हर लाभार्थी 25 प्राजैकट स्थापित कर सकता है।
स. जौड़ामाजरा ने कृषि और बाग़बानी क्षेत्रों को ओर ऊँचाईयाँ पर ले जाने के लिए राज्य के किसानों और भागीदारों की सक्रिय भागीदारी और समर्पित भावना के लिए उनका धन्यवाद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार विभिन्न पहलकदमियों और स्कीमों के जरिए किसानों को सशक्त करके राज्य में खेती विकास को बढ़ावा देने के लिए वचनबद्ध है।
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