रोबोटिक गायनी सर्जरी पारंपरिक स्त्री रोग सर्जरी से कहीं बेहतर – डॉ. प्रीति जिंदल
डॉ. प्रीति कहती हैं, रोबोटिक गाइनी प्रोसीजर से मरीज़ तेजी से ठीक होते हैं
Sanghol Times/अमृतसर/Yodvir Singh/25 नवंबर,2023 – वरिष्ठ सलाहकार स्त्री रोग विशेषज्ञ, आईवीएफ, उच्च जोखिम गर्भावस्था, लेप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जन डॉ. प्रीति जिंदल के अनुसार, “रोबोटिक गायनी सर्जरी, जिसमें स्त्री रोग संबंधी सर्जरी करने के लिए रोबोटिक तकनीक का उपयोग होता है, पारंपरिक तरीकों की तुलना में छोटे चीरे, कम रक्त हानि और कम रिकवरी टाइम जैसे कई लाभ प्रदान करती है।” डॉ. जिंदल ने यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह बात कही। डॉ. जिंदल के बयान का उद्देश्य रोबोटिक गायनी सर्जरी और इसके लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना था।
उन्होंने बताया कि रोबोटिक गायनी सर्जरी जैसे हिस्टेरेक्टॉमी – जो गर्भाशय या उसके कुछ हिस्से को हटाने के लिए की जाती है, एंडोमेट्रियोसिस सर्जरी – जो गर्भाशय के बाहरी ऊतकों को हटाने के लिए होती है, ऊफोरेक्टॉमी – एक या दोनों अंडाशय हटाने के लिए सर्जरी और गायनी कैंसर सर्जरी, अब इस रीजन में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा, “रोबोटिक गायनी सर्जरी एक नवीनतम अत्याधुनिक तकनीक है और इसमें लेप्रोस्कोपिक व ओपन गायनी दोनों प्रोसीजर्स की तुलना में अनेक फायदे हैं।”
द टच क्लिनिक, मोहाली की डायरेक्टर, डॉ. प्रीति जिंदल ने पारंपरिक व लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी के फायदे गिनाए। रोबोटिक सर्जरी कैसे की जाती है इसे विस्तार से दिखाने वाला एक वीडियो भी दिखाया गया, जिसमें बताया गया कि रोबोटिक गायनी सर्जरी स्त्री रोग चिकित्सा के क्षेत्र में एक नवीनतम प्रगति है।
डॉ. जिंदल ने बताया कि रोबोटिक हिस्टेरेक्टॉमी, एक उच्च परिशुद्धता वाली तकनीक है, जिसमें रोबोटिक आर्म और एक कैमरा अंदर डालने के लिए एक छोटा कट लगाया जाता है। ओपन सर्जरी की तुलना में इसमें छोटा निशान पड़ता है। उन्होंने कहा, “रोबोटिक उपकरण सर्जन को सटीकता और निपुणता प्रदान करता है। एक जटिल प्रोसीजर में यह विशेष रूप से फायदेमंद है, जिससे पारंपरिक लेप्रोस्कोपिक उपकरणों की तुलना में बेहतर गतिशीलता और सॉफ्ट टिश्यू प्रबंधन संभव होता है। रोबोटिक्स सिस्टम हाई-डेफिनीशन 3 डी विज़ुअलाइज़ेशन प्रदान करते हैं, जिससे सर्जन को अंदर देखने में सहूलियत होती है।”
डॉ. जिंदल ने आगे कहा कि उन्नत उपकरणों की निपुणता के कारण रोबोटिक एप्रोच से रक्त वाहिकाओं का बेहतर नियंत्रण संभव होता है। इससे सर्जरी के दौरान कम खून बहता है। उन्होंने कहा, “रोबोटिक गाइनी सर्जरी वाले मरीजों को ओपन सर्जरी की तुलना में अक्सर अस्पताल में कम समय रहना पड़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस प्रोसीजर में कम चीरफाड़ होती है और घाव तेजी से ठीक होता है। इसके परिणामस्वरूप आम तौर पर ऑपरेशन के बाद कम दर्द होता है, मरीज जल्दी घर लौटते हैं और शीघ्र ही अपने दैनिक कामकाज करने लगते हैं। रोबोटिक सर्जरी में छोटा कट लगाया जाता है, जिससे ओपन सर्जरी की तुलना में संक्रमण का खतरा भी कम होता है।”
डॉ. प्रीति जिंदल ने अधिक जानकारी साझा करते हुए कहा कि रोबोटिक सर्जरी में उपयोग किए जाने वाले छोटे कट से निशान भी छोटा पड़ता है, जिससे सौंदर्य प्रभावित नहीं होता और रोगी महिला पर कोई भावनात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा, “आधुनिक एप्रोच के परिणामस्वरूप अक्सर दर्द कम होने, तेजी से ठीक होने और अस्पताल में कम समय तक रहने के कारण रोगी को बेहतर अनुभव मिलता है। हालांकि, सभी रोगी इस प्रोसीजर के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं। रोगी महिला की मेडिकल हिस्ट्री, शारीरिक रचना और पहले से मौजूद स्थितियों जैसे कारक उपयुक्त सर्जिकल एप्रोच तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। व्यक्तिगत परिस्थितियों के आधार पर सही निर्णय लेने के लिए एक चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।”
उल्लेखनीय है कि डॉ. प्रीति जिंदल बार-बार होने वाले गर्भपात को ठीक करने की भी विशेषज्ञ हैं। उन्हें उच्च जोखिम वाले गर्भधारण से निपटने में विशेषज्ञता हासिल है और वह कॉस्मेटिक गाइनोकोलॉजी में माहिर हैं।