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Sanghol Times/घरौंडा/प्रवीण कौशिक/16.02.2024 – किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने के लिए शंभू टोल प्लाजा व अन्य रास्तों पर पिछले 4 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब के किसानों के ऊपर छोड़े गए आंसू गैस के गोले व प्रशासन के साथ हुई आपसी झड़प और किसानों की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के आह्वान पर सैकड़ो किसान आज बस्ताडा टोल प्लाजा पर पहुंचे। अपने पूरे नियोजित कार्यक्रम के अनुसार किसानों ने 3 घंटे का सांकेतिक धरना प्रदर्शन करते हुए 3 घंटे के लिए टोल फ्री करवा दिया। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए भारी पुलिस बल मौक़े पर मौजूद रहा। किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष अजय राणा के अध्यक्षता में हुए इस धरना प्रदर्शन में किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों ने कहा कि सरकार की हठ धर्मिता के चलते उन्हें दोबारा फिर सड़कों पर आना पड़ गया है। किसान नेता अजय राणा ने कहा कि धरने प्रदर्शन का आज तो यह मात्र टेलर है। यूनियन के आह्वान पर क ब्लॉक सदर पर ट्रैक्टर रैली का आयोजन केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया जाएगा।इस दौरान किसानों धरने पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी भी पहुंचे। उन्होंने बॉर्डर पर किसानों पर लाठी चार्ज, रबर बुलेट और बल प्रयोग करने पर नाराजगी जताई । किसान आंदोलन के बीच एक बार फिर गुरनाम चढूनी ने राजनीतिक प्रेम जाहिर करते हुए किसानों से किया अपनी सरकार बनाने का आह्वान किया।
किसान नेता दल्लेवाल द्वारा मोदी के ग्राफ को कम करने वाले बयान पर उन्होंने जवाब देने से किनारा कर लिया । चढूनी ने कहा किसानों के मुद्दो को लेकर संघर्ष कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।
चढूनी ने कहा दिल्ली बॉर्डर पर सरकार ने किसानों के लिए खतरनाक लेज़र मशीन लगाई है ।जो एक किलोमीटर दूर से मशीन किसानों को अचेत कर देगी।
गुरनाम ने कहा कल प्रदेश में ट्रेक्टर मार्च निकालेंगे । उन्हे एसकेएम से निमंत्रण नही मिला । वे किसान आंदोलन में शामिल नही हुए अभी किसानों पर हुई ज्यादती के खिलाफ समर्थन दिया है ।
चढूनी ने कहा रास्ते किसानों ने नही बल्कि सरकार ने रोक रखे है । रास्ते बंद होने के कारण हरियाणा को नुकसान हो रहा है ।
चढूनी ने एक बार फिर कहा कि किसान संगठनों में चौधर की लड़ाई चल रही है । ग्रामीण भारत बंद होने के विफल होने पर उन्होंने कहा कि भारत तो पहले ही बंद कर दिया है।क्योंकि जिस प्रकार से सरकार द्वारा अपनी घटिया मानसिकता दिखाते हुए सभी बॉर्डर व रास्तों को सील किया गया है उसके चलते कोई भी वहां या अन्य जरूरी खाद्य वस्तुएं शहर या गांव में नहीं आ जा रही।जिसके चलते अब लगता है कि पूरा ही भारत बंद हो चुका है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि कल पूरे प्रदेश में सभी किसान अपने ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर निकले लेकिन शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करें।आज किसान अपने हक और अपनी मांगों के लिए लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वह किसानों की इस लड़ाई में शामिल है।और वह किसानों की मांगों का पूरी तरह से समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की इस लड़ाई में अब चौधर की जंग शुरू हो गई है।अगर दिल्ली कूच करना था तो सभी संगठनों को एकत्रित कर उनसे बातचीत करनी चाहिए थी। प्रदेश मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बयान पर उन्होंने कहा कि हमारे पास न तो बस है और न ही कार है गरीब किसान के पास तो ट्रैक्टर ही उसका घर और वाहन होता है और इसी के जरिए किसान दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने भी सरकार को लताड़ लगाते हुए पूछा कि आपने हाईवे जाम क्यों किया क्योंकि हाईवे जाम करने से एक आम पब्लिक भी परेशान हो गई है। केंद्रीय मंत्रियों द्वारा किसानों के साथ बातचीत करने के मामले पर उन्होंने कहा कि दो माह पहले ही एक किसान संगठनों ने केंद्र सरकार को सचेत कर दिया था अगर उनकी नीयत ठीक होती तो वह दो माह पहले ही किसानों से आकर या किसानों को दिल्ली बुलाकर बातचीत कर सकते थे।
टोल को 8 लाख रुपए का हुआ नुकसान।—–
किसानों द्वारा आज प्रदेश के सभी टोल को 12 से 3 बजे तक फ्री करने का आह्वान किया था. जिसके चलते बस्ताडा टोल प्लाजा भी 3 घंटे पूरी तरह से फ्री रहा।
टोल प्रबंधक समीर साल्वे के अनुसार टोल से प्रतिदिन करीब 40 हजार वाहन आवागमन करते हैं। हालांकि किसानों के धरने प्रदर्शन के चलते टोल पर वाहनों का आवागमन कुछ कम है। लेकिन इन तीन घंटो में करीब 8 लाख रुपए के राजस्व की हानि टोल को उठानी पड़ी है।
