किस उम्र में बच्चों को चाय कॉफी देना सुरक्षित है – डॉ अर्चिता महाजन
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बच्चे जिद करें तो क्या उनके लिए कोई अल्टरनेट है

बटाला/संघोल टाइम्स/ब्यूरो/23जून –
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डाइटिशियन और चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट और ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि कुछ लोग बच्चों की जिद के आगे झुक जाते हैं और उन्हें अपने साथ ही बिठाकर चाय पिला देते हैं। ऐसा करना बिल्कुल ठीक नहीं है यह बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को रोक देगा। मैं तो यह कहूंगी कि बच्चों के सामने चाय पीनी ही नहीं चाहिए आप चाय के स्थान पर इसका अल्टरनेट यूज कर सकते हैं। यह सब के शरीर के लिए स्वास्थ्य वर्धक होगी। बच्चों को आदत लगेगी नहीं और आपकी भी छूट जाएगी।
12 साल से कम उम्र के बच्चों को चाय-कॉफी का बिल्कुल भी सेवन नहीं करना चाहिए. दरअसल, इन ड्रिंक्स में एक ऐसा तत्व मौजूद होता है जिसकी वजह से बच्चों के शरीर में आयरन और कैल्शियम की होने लगती है. इससे हड्डियां कमजोर हो जाती अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स के मुताबिक, 12 साल से कम उम्र के बच्चों को कैफ़ीन नहीं दिया जाना चाहिए. 18 साल से कम उम्र के सभी बच्चों को ऊर्जा पेय से भी बचना चाहिए. चाय और कॉफ़ी में कैफ़ीन होता है, जो एक मूत्रवर्धक है. इससे शरीर में तेज़ी से पानी खो जाता है और निर्जलीकरण हो सकता है. साथ ही, चाय और कॉफ़ी में टैनिन नाम का कंपाउंड भी होता है, जो बच्चों के शरीर में कैल्शियम और आयरन को सोखने से रोकता है. इससे बच्चों में खून की कमी हो सकती है, हड्डियां कमज़ोर हो सकती हैं, और जोड़ों में दर्द हो सकता है. कैफ़ीन वाली मीठी चीज़ें खाने से बच्चों के दांतों में सड़न की समस्या भी हो सकती है. ज़्यादा चाय या कॉफ़ी पीने से अनिद्रा और मूड में बदलाव जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.आप आप यदि अपने बच्चों का भला चाहते हैं तो कोशिश करें कि घर में हर्बल चाय ही सभी लोग पिए। चाय पत्ती और कॉफी के स्थान पर उन्हें अदरक, तुलसी, कड़ी पत्ता, अश्वगंधा,पुदीना, लेमनग्रास, इलायची जैसी जड़ी-बूटियों से बना काढ़ा दे सकते हैं।
