
मिज़ोरम की राजधानी (आइजोल) से विशेष रिपोर्ट –
मोदी सरकार के प्रयास से आज़ादी के बाद मिजोरम में बैराबी-सैरंग की रेल लाइन राष्ट्रीय रेलवे नटवर्क से जोड़ने के लिये तैयार
इस रेलवे लाइन परियोजना में –
:- 48 टनल्स
:-55 बड़े पुल
:-87 छोटे पुल
:-5 रोड ओवरब्रिज
:-6 रोड अंडरब्रिज
रेलवे अधिकारियों ने मिज़ोरम की राजधानी आइजोल पहुचने पर मीडिया कर्मियों का स्वागत किया।
Mizoram!/Ludhiana/Mohali/SANGHOL TIMES/SHAM-SUNDER-SARPAL/JATINDER-PAL-SINGH/22August,2025 – भारत की आज़ादी के बाद किसी भी राजनीतिक पार्टी ने राष्ट्रीय रेल मार्ग को मिज़ोरम राज्य के साथ जोड़ने का प्रयास नही किया था । प्रधानमंत्री नरिंदर मोदी ने मिजोरम में रेल लाइन परियोजना के तहत उस कार्य को ना मुमकिन से मुमकिन कर दिखाया है ( पंजाबी में कहावत है मोदी सरकार ने जंगल मे मंगल कर दिया) रेलवे अधिकारियों के साथ देश के विभिन्न- विभिन्न राज्यों से आये मीडिया कर्मियों को साथ लेकर मिजोरम की राजधानी आइजोल के करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर बैराबी–सैरांग नई रेल लाइन परियोजना के तहत निर्माणाधीन कार्य की समीक्षा की गई । इस परियोजना (51.38 किमी) मिजोरम के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुई है। इस परियोजना के पूरा होने के साथ ही मिजोरम की राजधानी आइजोल पहली बार भारतीय रेल नेटवर्क से सीधे जुड़ गई है। “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” के तहत तैयार की गई यह परियोजना प्रगति और राष्ट्रीय एकीकरण का प्रतीक माना जा रहा है
इस महत्वाकांक्षी बैराबी-सैरंग न्यू लाइन रेलवे परियोजना में कुल 48 सुरंगें (12.85 किमी लंबी) और 142 पुल शामिल हैं। इनमें सबसे विशेष बात यह सामने आई है कि ब्रिज नंबर 196, जिसकी ऊंचाई 114 मीटर है और यह भारत का दूसरा सबसे ऊंचा पियर ब्रिज है, जो कुतुब मीनार से 42 मीटर ऊंचा है। रेल मार्ग की सुरंगों को मिजो संस्कृति से जुड़े भव्य चित्रों और भित्ति-चित्रों से सजाया गया है, जिससे आधुनिक इंजीनियरिंग और स्थानीय परंपरा का सुंदर संगम देखने को मिलता है।
इस परियोजना को 4 चरणों में पूरा किया गया और जून 2025 में इसे (सीआरएस) से मंजूरी मिल गई, जिसके बाद संचालन का रास्ता साफ हुआ। इस उपलब्धि के साथ मिजोरम चौथा पूर्वोत्तर राज्य बन गया है, जिसकी राजधानी भारतीय रेलवे नेटवर्क से सीधे जुड़ी है।
इस परियोजना के माध्यम से परिवहन लागत में भारी कमी आएगी, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, व्यापार में तेजी आएगी, नए रोज़गार के अवसर पैदा होंगे और पूरे मिजोरम समेत पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को गति भी मिलेगी यहाँ बताना भी जरूरी है कि स्थानीय व्यपारिक लोगो का मानना है कि कई बार तो अन्य राज्यों से बिक्री के लिये सामान को मंगवाने में कई दिनों का समय भी लग जाता है इस के पीछे स्लाइडिंग को बताया जा रहा है
इस रेलवे लाइन परियोजना से मिजोरम चौथा पूर्वोत्तर राज्य बन गया है, जिसकी राजधानी सीधे भारतीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना से मिजोरम और पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और सामाजिक-आर्थिक विकास को मजबूती मिलेगी। यह नई रेल लाइन न केवल राजधानी आइज़ोल को देश के बाकी हिस्सों से सीधे जोड़ेगी बल्कि स्थानीय निवासियों और पर्यटकों की यात्रा को पहले से अधिक सुविधाजनक और कुशल बना देगी।