मुद्दा-
दस सालों से पेयजल योजना के सरकारीकरण की मांग, जल शक्ति विभाग की फाइलों में रही चिपकी।
सरकार व विभाग ने जाहू पेयजल योजना को हैंड़ओवर करने की नहीं दिखाई रूचि।
बार-बार पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार व जल शक्ति विभाग को भेजे प्रस्ताव।
पूरे हिमाचल में पानी के बिल माफ, जाहू के उपभोक्ताओं को करने पड़ रहे हैं अदा।
अपने स्तर पर दो पेयजल योजनाओं से करीब आठ सौ उपभोक्तओं की प्यास बुझा रही है जाहू पंचायत
SangholTimes/एस.रांगड़ा/जाहू/28अक्तूबर,2022 –
चुनावों में हर बार हमीरपुर जिला के भोरंज उप मंडल की जाहू पंचायत में पेयजल समस्या के स्थाई हल के लिये दोनों पेयजल योजनाओं के सरकारीकरण की मांग उपभोक्ता करते हैं। वहीं दूसरी ओर इस मांग को पंचायत प्रतिनिधि पंचायत में प्रस्ताव पारित करके सरकार और जल शक्ति विभाग के उच्च अधिकारियों करते रहे हैं। यह मांग पंचायत प्रतिनिधियों की ओर से पिछले दस सालों से की जा रही है लेकिन यह मांग जल शक्ति विभाग के अधिकारियों की फाइलों तक ही सीमित हो गई है। इससे जाहू पंचायत वासियों में सरकार और जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के प्रति गुस्सा है।
भोरंज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली जाहू पंचायत के नौ वार्डों और बाहरी राज्यों से किराये में रहे लोगों की संख्या पहुंच की चार हजार तक पहुंच गई है। हिमाचल प्रदेश में जाहू पंचायत एक मात्र ऐसी पहली पंचायत है कि वह दो पेयजल जल योजनाओं उठाऊ पेयजल योजना -एक जाहू, दो (हौड़) से कई सालों से करीब आठ सौ से अधिक उपभोक्ताओं की पानी की प्यास बुझाने का कार्य कर रही है। योजनाओं के संचलान के लिये पंचायत ने पांच कर्मचारी रखे हैं। पंचायत उपभोक्ताओं से प्रति नल का तीस रूपए प्रति माह का बिल लेती है। इससे बिल से एकत्रित राशि कर्मचारियों से वेतन के रूप में ही पूरी होती है। ऐसे में पंचायत के योजनाओं के संचालन के लिये लंबे समय से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि सरकार द्वारा बिजली के बिल को माफ किया हुआ है। इसके बावजूद भी पंचायत योजनाओं के संचालन में कई बार असमर्थता जाहिर कर चुकी है। जाहू पंचायत प्रतिनिधि पिछले दस सालों से योजनाओं का सरकारीकरण करने तथा जल शक्ति विभाग के हैंडओबर करने की मांग कर रहे हैं। वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों ने डेढ साल पहले प्रस्ताव पारित करके मुंख्यमंत्र जयराम ठाकुर, जल शक्ति मंत्री ठाकुर महेंद्र सिंह, स्थानीय विधायक कमलेश कुमारी व जल षक्ति विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजा था। इस मांग पर केवल प्रपोजल बनकर कागजों तक ही सीमित रही है। जाहू पंचायत प्रधान अनुराधा शर्मा का कहना है कि जाहू पंचायत को दोनों पेयजल योजनाओं का संचालन करना मुश्किल हो रहा है। सालों पुरानी पाइपें खराब हो चुकी है। इससे आये दिन पानी की समस्या बनी रहती है। पंचायत ने प्रस्ताव भेज कर योजनाओं को विभाग के अधीन करने की मांग की थी लेकिन इस पर कुछ भी नहीं हुआ है। दूसरी ओर हमें उपभोक्तओं से पानी के बिल भी लेने पड़ रहे हैं। जबकि पूरे हिमाचल प्रदेश में सरकार ने पानी के बिल माफ कर दिये हैं।
क्या कहते हैं सहायक अभियंता।
जल शक्ति विभाग उप मंडल भोरंज के सहायक अभियंता राजेंद्र पठानिया का कहना है कि पंचायत की मांग पर विभाग के डेढ़ साल पहले प्रपोजल तैयार करके उच्च अधिकारियों की स्वीकृति के लिये भेजी तथा कर्मचारियों की मांग की गई है।