इंग्लैंड निवासी सुखजीत सिंह धालीवाल ने उनकी जमीन को लेकर पुलिस/सरकार द्वारा कार्रवाई न किये जाने के लगाए आरोप !
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के संस्थापक सतनाम सिंह संधू और पूर्व सी एम के ओ एस डी संदीप संधू पर लगाए दखलंदाजी के आरोप!
संघोल टाइम्स/हरजिंदर चौहान/चंडीगढ़/17.01.2023-सुखजीत सिंह धालीवाल कपूरथला और इंग्लैंड का रहने वाला है ने आज चंडीगढ़ प्रेस क्लब में प्रेस कान्फ्रेंस कर मीडिया को statement में बताया की उनकी संपत्ति को दबाने के लिए व उन्हे मारने के लिए उन पर कई बार हमले हो चुके है। भूमाफिया से जुड़े कुछ लोग जिनमें पूर्व सीएम कैप्टन का खास ओएसडी संदीप संधू और कुछ पुलिस अधिकारी, सतनाम सिंह संधू और कुछ अन्य लोग उनकी ज़मीन (हमारी जमीन पर कॉलेज बनाना चाहते हैं) को दबाने के लिए मिलीभगत करके आरोपियों की मदद कर रहे हैं और उन्हे व उनके परिवार को झूठे मामलों में फंसाने की धमकियां मिल रही है और उन्ह मोहाली पुलिस के द्वारा संघा की फैक्ट्री, जो 30 एकड़ डेराबस्सी(मोहाली)में है, से अगवा कर अवैध रूप से नाहर चौकी हवालात में तीन घंटे तक हिरासत में रखा ताकि देश छोड़ कर भाग सकूं।
सतनाम सिंह संधू अपने पैसे और रुतबे के बल पर कोई कार्यवाई नहीं होने दे रहा। मुझे और मेरे परिवार को झूठे मामलों में फंसाने की धमकियां मिल रही है
गौरतलब है कि वर्ष 2017 में विपक्षी दल के भाड़े के बदमाशों से मुझे जान से मारने के लिए मेरे पर गोली चलवाई गई थी। घटना के तुरंत बाद पुलिस को सूचित किया गया, लेकिन राजनीतिक दबाव और स्थानीय पुलिस के साथ पूर्व योजना के चलते हमले को अंजाम दिया गया। जिसके चलते कपूरथला पुलिस ने 2 दिन की देरी से केस दर्ज किया और बाद में इस आधार पर पुलिस टीमों ने आरोपियों को क्लीन चिट दे दी, क्योंकि इसमें सतनाम संधू का हाथ था। जिसके मेरे पास काफी सबूत हैं। मैंने पुलिस की झूठी सिट की रिपोर्ट का जवाब तैयार कर सबूतों, गवाहों के साथ एक दरखास्त पंजाब के माननीय निदेशक ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन को दे थी। जिसपर उनकी ओर से स्पेशल इन्वेटिगेशन टीम क्राइम चंडीगढ़ में बनाई गई थी।
इस एसआईटी में मैंने अपने गवाह पेश किए। एसआईटी के समक्ष ऐसे दो गवाह पेश हुए जिन्हें विरोधी पक्ष के आरोपियों के पास नौकरी करते थे। इन गवाहों ने मौके पर ही अपने बयान दर्ज कराए और पुलिस ने इन गवाहों से पूछताछ के दौरान गवाहों ने पुलिस पार्टी के साथ जाकर गोली मारने की घटना में प्रयुक्त कार की पहचान की, जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया और माननीय कपूरथला कोर्ट में गवाहों के 164 के तहत बयान दर्ज करवाए गए और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई। इस बीच मुझे विरोधी पक्ष की ओर से धमकी मिली कि ‘हमारी पंजाब पुलिस के बड़े अधिकारी और मौजूदा राजनीतिक लीडर से बात हो गई है, तुम हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते, हमने जाँच बदलवा लेनी है’। यह बात सच सब्त हुई।
जिक्रयोग है कि 28-08-2022 को मैं माननीय वर्तमान डीजीपी पंजाब को अपना वीडियो संदेश उनके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा था कि मुझे धमकी मिली है कि मेरी जाँच बदल दी जाएगी। लेकिन फिर भी मेरे मुक़दमे (गोली कांड सबंधी) फाइल तुरंत बीओआई से एसएसपी कपूरथला को चिन्हित कर दी गई। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि एआईजी क्राइम ब्रांच (बीओआई) द्वारा आरोपियों के खिलाफ बनाई गई रिपोर्ट भी गायब कर दी गई।
इसके बाद मैं इस मामले को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान के दफ्तर जाकर उनके पीए दलजीत सिंह व श्री नवराज सिंह बराड़ पीसीएस अधिकारी को कई बार मिला और अनुरोध किया कि मेरे मामले की जांच बिना किसी राजनीतिक दबाव के ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन पंजाब के कराकर न्याय किया जाए और यह भी मांग की कि मुझे पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान से मिलने का समय दिया जाए जो नहीं दिया गया।