Sanghol Times/चंडीगढ़/03फरवरी,2023 –
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज डिप्टी कमीशनरों, पुलिस कमीशनरों और ज़िला पुलिस मुखियों को पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए ‘कार्यवाही करने, नशा छुड़वाने और रोकथाम की तीन स्तरीय रणनीति को और मज़बूती से लागू करने के आदेश दिए।
पंजाब सिवल सचिवालय में अपने दफ़्तर में अधिकारियों के साथ समीक्षा मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून के अंतर्गत ठोस कार्यवाही को अंजाम देने के लिए हरेक पुलिस स्टेशन/इलाके/ गांव अनुसार क्षेत्र-विशेष रणनीति तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नशा तस्करों के साथ मिलीभुगत करने वाले पुलिस अधिकारियों/सरकारी अधिकारियों के सख़्त खि़लाफ़ कार्यवाही की जानी चाहिए जिससे नापाक गठजोड़ को तोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि नशा तस्करों की जायदाद को एन. डी. पी. एस. एक्ट-1985 की धाराओं के अंतर्गत ज़ब्त किया जाये। भगवंत मान ने अधिकारियों को यह भी कहा कि वे यह यकीनी बनाने के लिए पी. आई. टी. एन. डी. पी. एस. एक्ट-1988 के अंतर्गत एहतियाती नज़रबंदी की व्यवस्थाएं लागू करने के साथ-साथ इस को ग़ैर-कानूनी नशीले पदार्थों की हरेक बरामदगी की सही जांच के द्वारा सप्लाई लाईन के बारे मुकम्मल जानकारी का पता लगाने के लिए लागू किया जाये। उन्होंने अधिकारियों को नियमित प्रशिक्षण और वर्कशापों के द्वारा एन. डी. पी. एस. एक्ट को प्रभावशाली ढंग से लागू करने के लिए आई. ओ./जी. ओ. का सामर्थ्य बढ़ाने को भी यकीनी बनाने के लिए भी कहा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नशाग्रस्त लोगों के पुनर्वास और इलाज को यकीनी बनाने के लिए भी कहा है। उन्होंने कहा कि नशा रोकथाम अफ़सर (डैपो) और बड्डी प्रोग्राम को ठोस ढंग से लागू करने के साथ-साथ नुकसान को कम से कम करने, दवाओं, कौंसलिंग और साथियों के सहयोग पर आधारित बाहरी मरीजों के इलाज पर ज़ोर दिया जाना चाहिए। भगवंत मान ने बताया कि 528 ओ. ओ. ए. टी. क्लीनिक (17 केंद्रीय जेलों समेत), 36 सरकारी नशा छुड़ाओ केंद्र, 19 सरकारी पुनर्वास केंद्र, 185 निजी नशा छुड़ाओ केंद्र और 75 प्राईवेट पुनर्वास केन्द्रों के रूप में मैडीकल बुनियादी ढांचा है, जिसको नशों की बुरायी के विरुद्ध समझदारी से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्य में बंदूक कल्चर को उत्साहित करने के विरुद्ध कार्यवाही और तेज करने के लिए भी कहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में सार्वजनिक तौर पर हथियारों को प्रोत्साहन देने के लिए अब तक 167 एफ. आई. आरज़ दर्ज की गई हैं और राज्य में कुल 4.38 लाख में से 1. 77 लाख हथियारों की तस्दीक की जा चुकी है। हालाँकि, भगवंत मान ने इस सम्बन्ध में अधिकारियों को यत्न और तेज़ करने पर ज़ोर देते हुए कहा कि अधिकारियों को तस्दीक प्रक्रिया को जल्दी से जल्दी पूरा करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने पहले ही राज्य में गैंगस्टरों के विरुद्ध बड़ी कार्यवाही शुरु की हुई है और ए. डी. जी. पी. रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (ए. जी. टी. एफ.) का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक 503 से अधिक गैंगस्टरों पर कार्यवाही की गई, दो को ख़त्म किया गया और 138 से अधिक आपराधिक गिरोहों का पर्दाफाश किया जा चुका है। इन आपराधियों की तरफ से इस्तेमाल किये जाते 481 हथियार और 106 वाहन बरामद किये गए हैं। भगवंत मान ने कहा कि ज़िला हैडक्वाटर के अधिकारियों को इस कार्यवाही को और तेज करना चाहिए और यह यकीनी बनाना चाहिए कि राज्य में संगठित अपराध को रोका जा सके।
राज्य में भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त न करने की नीति दोहराते हुये मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमीशनरों को कहा कि वह एस. एस. पी., विजीलैंस के साथ मासिक मीटिंगें करें। उन्होंने कहा कि डिप्टी कमीशनर कानून के मुताबिक पूरी प्रक्रिया अपनानी यकीनी बनाएं जिससे केस को उसके सही नतीजे पर पहुँचाया जाये। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार का यह फ़र्ज़ बनता है कि भ्रष्टाचारियों को अपने किये गुनाहों की सज़ा दिलानी यकीनी बनाई जाये।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि दिल्ली-अमृतसर-कटरा राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्य में तेज़ी यकीनी बनाई जाये। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा प्रोजैक्ट है, जिसके एक बार मुकम्मल होने पर दिल्ली से पंजाब और जम्मू-कश्मीर ख़ास तौर पर माता वैष्णो देवी धाम जाने वाले यात्रियों के समय, पैसे और ऊर्जा की बचत होगी। भगवंत मान ने कहा कि 254 किलोमीटर लंबे इस राजमार्ग के निर्माण पर 11,510 करोड़ रुपए की लागत आयेगी और यह पंजाब के नौ जिलों जालंधर, संगरूर, मालेरकोटला, पटियाला, कपूरथला, लुधियाना, अमृतसर, तरन तारन और गुरदासपुर में से गुज़रेगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर किसी अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में अगर किसी भी तरह की ग़ैर-कानूनी माइनिंग होती है तो उसके लिए सम्बन्धित अधिकारी को ज़िम्मेदार ठहराया जायेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे घृणित अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही की जानी चाहिए। भगवंत मान ने कहा कि डिप्टी कमीशनर और एस. एस. पीज यह यकीनी बनाएं कि राज्य भर में कोई ग़ैर-कानूनी गतिविधि न चले।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी कहा कि वे लोगों को मानक इलाज सहूलतें मुहैया करवाने के लिए आम आदमी क्लीनिकों की कारगुज़ारी की निरंतर निगरानी करें। उन्होंने कहा कि राज्य भर में शुरू हो रहे ‘स्कूल आफ एमिनेंस’ पर भी उपयुक्त ध्यान दिया जाये। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब में इन दोनों क्षेत्रों के विकास को सबसे अधिक प्राथमिकता दे रही है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वह फील्ड के अधिक से अधिक दौरे करें और गाँवों में जाकर लोगों के साथ संबंध बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि यह समय की ज़रूरत है कि लोगों को रोज़मर्रा के कामकाज करवाने के लिए कोई दिक्कत न आए और उनको सुशासन मिले। भगवंत मान ने कहा कि इससे दफ़्तरी कार्य प्रणाली में सुधार करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि वे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी एक्ट ( मनरेगा) के लाभ ज़रूरतमंदों तक पहुँचाने यकीनी बनाएं। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के अंतर्गत जहाँ एक तरफ़ 100 दिन का काम देने की गारंटी है, वहीं दूसरी तरफ़ इससे गाँवों के विकास को गति देने का प्रस्ताव बनाया गया है। भगवंत मान ने कहा कि इस स्कीम को सही अर्थों में लागू किया जाये जिससे गाँवों के समूचे विकास को और गति दी जा सके।
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