पंजाब में मृतकों ने बैंकों से कर्ज लिया है, वे हर साल अपना हिसाब भी रख रहे हैं
Sanghol Times/चंडीगढ़/20 फरवरी,2020
क्या आपने कभी सुना है कि मरे हुए लोगों को भी कर्ज की जरूरत होती है? मृतक भी हर साल बैंक से कर्ज लेकर अपने खाते का रखरखाव कर रहे हैं। जी हां, पंजाब के सहकारी बैंकों में भी ऐसा ही हो रहा है। सहकारी बैंकों में 500 से अधिक लोगों के फर्जी खाते खोलकर करोड़ों के गबन का मामला सामने आया है।कितने पैसे का घोटाला हुआ है, इस घोटाले में कौन-कौन शामिल है, कितने मृत लोगों के खातों में हेराफेरी हुई है, यह विभागीय जांच में ही सामने आएगा। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक 50 मामलों की जमीनी स्तर पर जांच करने पर पता चला कि अकेले तरनतारन जिले में ही 22 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 5 की मौत 24 साल पहले हो चुकी है । लेकिन 6 के खातों में पिछले साल तक के लेन-देन है । किसी ने यूरिया खरीदने के लिए कर्ज लिया है तो किसी ने कीटनाशक खरीदने के लिए। यह भी पता चला कि मृतक के खाते का उपयोग इसलिए किया गया क्योंकि आरोपियों को लगा कि सरकार कर्ज माफ कर देगी.आश्चर्यजनक बात यह है कि मृतक के वारिस भी इस बात से अनभिज्ञ हैं और लाखों के कर्जदार हो गए हैं. अब इस मामले की जांच कृषि और बैंक की संयुक्त टीम कर रही है. कई मामलों में एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है, लेकिन अभी तक आरोपी पकड़े नहीं गए हैं। ज्यादातर मामलों में आरोपी बैंक अधिकारी हैं।