पंजाब पंजाबी भाषा में विज्ञान को प्रोत्साहन देगा –
पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी और विज्ञान प्रसार ने संयुक्त रूप से पंजाबी में वैज्ञानिक ज्ञान के प्रसार के लिए एससीओपीई कार्यक्रम शुरू
संघोलटाइम्स/जे.एस.सोढी/चंडीगढ/24मई,2022: विज्ञान प्रसार (वीपी) ने विज्ञान संचार, लोकप्रियकरण और विस्तार (एससीओपीई)-इन-इंडियन लैंग्वेज नामक एक प्रमुख परियोजना शुरू की है, जो पंजाबी सहित प्रमुख भाषाओं में लोगों के बीच विज्ञान की पहुंच और लोकप्रिय बनाने के कार्यक्रमों को बढ़ाने के लिए है। पंजाब में इस कार्यक्रम को शुरू करने के लिए, वीपी ने पंजाब राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी-पीएससीएसटी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, पंजाब सरकार के राज्य स्तरीय नोडल विभाग के साथ और पंजाब सरकार की तकनीकी ब्रांच विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण विभाग और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभा, भारत सरकार के साथ सहभागिता की है।
पंजाब के लिए एससीओपीई (स्कोप) परियोजना को आधिकारिक तौर पर वीपी और पीएससीएसटी के बीच चंडीगढ़ में डॉ. नकुल पाराशर, डायरेक्टर, वीपी और डॉ. जतिंदर कौर अरोड़ा, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, पीएससीएसटी द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया। उन्होंने एससीओपीई परियोजना के तहत मासिक आधार पर प्रकाशित होने वाली लोकप्रिय पंजाबी ई-साइंस पत्रिका ‘जिज्ञासा’ का पहला अंक भी जारी किया। प्रख्यात पंजाबी विज्ञान लेखक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
विज्ञान प्रसार (वीपी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त संगठन है जो कि साल 1989 में अपनी स्थापना के बाद से बड़े पैमाने पर विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में जनता की रुचि जगाने के लिए काम कर रहा है। प्रधान मंत्री ने इस संबंंध में नए क्षितिज का विस्तार करते हुए कामना की है कि ‘‘हमारे युवाओं में विज्ञान की समझ और प्रेम को बढ़ावा देने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम विज्ञान संचार को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देते हैं। भाषा इस कार्य में बाधक नहीं बल्कि सहायक होनी चाहिए।’’
इस अवसर पर बात करते हुए, डॉ. पाराशर और डॉ. अरोड़ा ने बताया कि एससीओपीई परियोजना एक व्यापक विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इनोवेटिव लोकप्रियता कार्यक्रम होगा और राज्य स्तर पर वीपी की सभी पहलों की व्यापक पहुंच सुनिश्चित करेगी और महत्वपूर्ण विषयों जैसे जलवायु परिवर्तन, बौद्धिक संपदा अधिकार, भविष्य प्रौद्योगिकियां आदि पर पंजाबी में संसाधन (रिसोर्स) सामग्री के प्रकाशन को प्रोत्साहित करेगी। यह पंजाब में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इतिहास का भी दस्तावेजीकरण करेगा और पंजाबी भाषा में संचार के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में रुचि जगाएगा।
डॉ. के.एस. बाथ, पीएससीएसटी के संयुक्त निदेशक इस पूरी परियोजना का समन्वय और निष्पादन करेंगे जिसमें लोकप्रिय विज्ञान पुस्तकें लाई जाएंगी और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विविध पहलुओं पर लघु फिल्मों को पंजाबी में विकसित किया जाएगा और राज्य भर में शिक्षकों की क्षमता को स्थानीय भाषा में विज्ञान संचार के लिए बनाया जाएगा।