सुप्रीम कोर्ट का फैसला जम्मू-कश्मीर के लिए प्रधानमंत्री की दूरदर्शी नीतियों का समर्थन करता है: चुघ
अनुच्छेद 370 गांधी, नेहरू, अबुदुला और मुफ्ती परिवार की तुष्टिकरण की राजनीति का प्रतीक था।
Sanghol Times/चंडीगढ़, 11 दिसंबर( हरमिंदर नागपाल)
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख पार्टी प्रभारी तरुण चुघ ने आज संविधान की धारा 370 और 35ए पर नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले को बरकरार रखने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह पीएम श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी कदम की ऐतिहासिक जीत है।
चुघ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने 2019 के बाद वृद्धि और विकास के एक नए युग में प्रवेश किया है । केंद्र की मोदी सर्कार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि प्रगति का लाभ न केवल जम्मू-कश्मीर के लोगों तक पहुंचे, बल्कि हमारे समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों तक भी इसका लाभ पहुंचे, जो अनुच्छेद 370 के कारण पीड़ित थे।
चुघ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस पहले भी अनुच्छेद 370 के अस्थायी प्रावधान को हटा सकती थी लेकिन नेहरू, गांधी, अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार की तुष्टीकरण की राजनीति के कारण उन्होंने ऐसा नहीं किया.
यह फैसला देश की जीत है, महिलाओं और एससी एसटी, धार्मिक अल्पसंख्यकों की जीत है जो वर्षों से अपने अधिकारों से वंचित रहे ।
उन्होंने कहा कि फैसला सिर्फ कानूनी फैसला नहीं है; यह आशा की किरण हैं।
एक उज्जवल भविष्य का वादा और एक मजबूत, अधिक एकजुट भारत के निर्माण के हमारे सामूहिक संकल्प का प्रमाण।
चुग ने कहा कि जो संकल्प जनसंघ के समय से लिया गया था स्वर्गीय श्यामा प्रसाद मुख़र्जी ने संकल्प लिया था एक प्रधान एक निशान, एक संविधान, यह उसकी जीत है यह एक भारत श्रेष्ठ भारत की जीत है |
चुघ ने कहा कि जब से जम्मू-कश्मीर ने एक नया अध्याय शुरू किया है तब से आतंकवादी घटनाओं में 45.2% और आतंकवादी घटनाओं में 90% , 2018 से 2023 की तुलना में घुसपैठ.की कमी आई है।
पत्थरबाजी जैसे कानून और व्यवस्था के मुद्दों में 97% की कमी आई है, यहां तक कि सुरक्षाकर्मियों के हताहत होने में 65% की कमी आई है।
चुघ ने कहा कि 2018 में पथराव की घटनाएं 1,767 थीं, जो अब लगभग शून्य हैं.
370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का नेटवर्क ध्वस्त हो गया है. 2018 में जम्मू-कश्मीर में 199 युवा आतंकी बने थे, 2023 में यह संख्या घटकर 12 रह गई है.
इसके अलावा, राज्य में रिकॉर्ड 1.88 करोड़ पर्यटक आए और पर्यटन क्षेत्र में वृद्धि हुई
बढ़ा हुआ।
चुघ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी नए बदलावों का श्रेय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी कदमों को जाता है।
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