
चंडीगढ़ बिजली विभाग के दिव्यांग कर्मचारी को किया जा रहा है हरास – हफ्ते में 6 दिन काम लिया जाता है जबकि शनिवार की छुट्टी होती है
Sanghol Times/चंडीगढ़/ब्यूरो/29.01.2024 – चंडीगढ़ बिजली विभाग के सब डिवीजन नंबर दो में कार्यरत कर्मचारी जिनका नाम राजेश कुमार वर्मा है ने बताया कि वह सब स्टेशन अटेंडेड के तौर पर सन 1986 से कार्यरत है, का 2008 में एक्सीडेंट हो गया था । जिसकी वजह से उनकी टांग की चंडीगढ़ के सरकारी अस्पताल में कई दफा सर्जरी करी गई । वह सवा दो साल बेड पर ही रहे और अपनी ड्यूटी पर नहीं जा सके । जिस पर चंडीगढ़ बिजली विभाग ने उनको सवा दो साल की कोई तनख्वाह नहीं दी । जबकि हॉस्पिटल की तरफ से उनकी टांग की वजह से 85% की डिसेबिलिटी डिक्लेयर कर दी गई और उनको दिव्यांग का कार्ड भी जारी हो गया । बावजूद इसके विभाग की तरफ से उनको बहुत हरास किया गया और उन पर कोई तरस नहीं खाया और उनको सवा दो साल की तनख्वाह नहीं दी और राजेश कुमार वर्मा को अपनी तनख्वाह लेने के लिए CAT (चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल) के पास कैस देना पड़ा और लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उनको उनकी सवा दो साल की तनख्वाह दी गई।
जब से लेकर अब तक वह उसी पोस्ट बतोर सब स्टेशन अटेंडेंट के डिवीजन नंबर 2 पर ही कार्यरत हैं ।
इसके अलावा राजेश कुमार वर्मा ने यह भी बताया कि उनके साथ कितना अन्याय हो रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनको हैंडिकैप्ड अनाउंस भी सीधे तरीके से नहीं दिया गया, जोकि उन्हें CAT (चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल) में ढाई साल की कानूनी लड़ाई के बाद दिया गया है । उनसे हफ्ते में 6 दिन काम लिया जाता है जबकि शनिवार की छुट्टी होती है, पर उन्हें शनिवार भी बुलाया जाता है और वह सारा दिन ड्यूटी करते हैं ।
राजेश कुमार वर्मा ने हमारे संवाददाता को बताया कि जब से लेकर उनकी अब तक कोई प्रमोशन नहीं करी गई । जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार दिव्यांग को भी 4% तरक्की दी जाएगी जबकि चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से अभी तक विभाग में किसी भी दिव्यांग को 4% कोटे के तहत कोई तरक्की नहीं दी गई । यह उनके साथ अन्याय हो रहा है और उन्होंने इसके बारे में कई दफा प्रशासन को, चीफ इंजीनियर को अपना चिट्ठी भी दी कि उनके साथ यह धक्का किया जा रहा है । उन्होंने यह भी बताया कि उस समय के चीफ इंजीनियर एम.पी सिंह, जो अब रिटायर हो चुके हैं ने भी इस पर कोई गौर नही किया और हार कर उनको अपनी प्रमोशन के लिए CAT (चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल) का दरवाजा खड़काना पड़ा, अभी भी उनका केस CAT (चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल) चंडीगढ़ में लंबे समय से पेंडिंग पड़ा हुआ है, जिसको जान बूझकर आहिस्ता आहिस्ता आगे चलाया जा रहा है । एक साजिश के तहत तीन-तीन दफा तारीख पर ट्रिब्यूनल में विभाग के अधिकारी पेश नहीं होते, तारीख कम से कम चार या पांच महीने बाद पड़ती है। क्योंकि चौथी दफा पेश न होने पर फाइन होता है तो फिर पेश हो जाते हैं । इस तरीके से उनके केस को जानबूझ कर लिगर ऑन किया जा रहा है । क्योंकि उनके रिटायरमेंट को भी अब 3- 4 साल बाकी बचे हैं ।
इसी वजह से विभाग के उच्च अधिकारी एक प्लानिंग के तहत उन्हें जान बूझकर तंग करते हुए चल रहे हैं ताकि वह रिटायर हो जाये और उनकी प्रमोशन का केस बीच में ही लटका रह जाए । दिव्यांग होने के नाते राजेश कुमार वर्मा ने हमारे न्यूजपेपर को अपना सारा दुख सुनाया है और चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन व एस एस पी, चंडीगढ़ पुलिस को गुहार लगाई है कि यह दिव्यांग के साथ सरासर अन्याय है और जानबूझ कर हरास किया जा रहा है और यह एक किस्म का मेला फाइद इंटेंशन व करप्शन एंड प्रीवेंशन एक्ट का केस है । जिस पर बनती कानूनी कार्रवाई करी जाए ।
इसकी मिसाल उन्होंने दी है कि जब उनका एक्सीडेंट हुआ था तब भी सवा दो साल की जो तनख्वाह कानूनी लड़ाई से ली थी । जब से लेकर अब तक बिजली विभाग के उच्च अधिकारी उनसे खार खाते हैं और जानबूझकर एक दिव्यांग को हरास कर रहे हैं।