
जत्थेदारों और पंथिक हस्तियों की सुरक्षा में कोई चूक देश के लिए खतरनाक होगी – प्रो. सरचंद सिंह खियाला –
औरंगजेब को श्रद्धांजलि देने वाले राकेश टिकैत को समर्थन करने वाले किसान संघों को पुनर्विचार करना चाहिए
संघोल टाइम्स/अमृतसर/01जून,2022(Rakesh Nayyar ‘Chohla’) –
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से तख्त साहिबों के जत्थेदारों, संतों और विशेष पंथक व्यक्तियों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने की अपील करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सिख नेता प्रोफेसर सरचंद सिंह खियाला ने कहा कि सीमावर्ती राज्य पंजाब में किसी भी तरह की शांति भंग होने पर पूरे देश को सहन करना होगा।
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद पैदा हुए हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रो. सरचंद सिंह ने कहा कि पंजाब में पिछले एक-दो महीनों के दौरान हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं ने राज्य की सुरक्षा कमजोरियों को उजागर कर दिया है। केंद्र और राज्य को राज्य में शांति और स्थिरता के लिए बार-बार आने वाले खतरे से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोग मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक अनाड़ी व्यक्ति के रूप में नहीं बल्कि एक बुद्धिमान और दृढ़निश्चयी राजनेता के रूप में देखना चाहते हैं। इसलिए उन्हें राजनीति से ऊपर उठकर निर्णय लेने की जरूरत है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि नई सरकार ने तख्त जत्थेदारों और सिंह साहिबन से सुरक्षा कर्मियों की वापसी जैसे फैसलों के माध्यम से धार्मिक क्षेत्र को राजनीतिक क्षेत्र में लाया है। उन्होंने कहा कि सरकार से सुरक्षा वापस न लेने का जत्थेदारों का फैसला उनकी महानता है । इस तथ्य के बावजूद कि एसजीपीसी द्वारा जत्थेदारों और सिंह साहिबान की सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है, लेकिन सिंह साहिबान की सुरक्षा का मुद्दा वर्तमान परिस्थितियों में शिरोमणि कमेटी के अप्रशिक्षित व्यक्तियों के हाथ में नहीं छोड़ा जा सकता है। हालांकि पंथिक हस्तियों के जीवन को कोई खतरा नहीं है, लेकिन इन हस्तियों से जुड़ी कोई भी अप्रिय घटना माहौल को खराब कर सकती है। पंजाब एक सीमांत राज्य है और सीमा पार के लोगों और असामाजिक तत्वों के इरादों को हर कोई जानता है। जत्थेदार और सिंह साहिब सिख समुदाय के सर्वोच्च संस्थानों के महत्वपूर्ण धार्मिक व्यक्ति हैं। शत्रु और विदेशी शक्तियों द्वारा उन्हें नुकसान पहुँचाने की जरा सी भी कोशिश राज्य की शांति को अस्थिर कर सकती है। इसलिए सिख पंथ की इन और अन्य धार्मिक हस्तियों की सुरक्षा पेशेवर ताकतों के हाथों सुनिश्चित की जानी चाहिए। प्रो. सरचंद सिंह ने मुख्यमंत्री से सिंह साहिबान की सुरक्षा के मुद्दे का राजनीतिकरण किए बिना तत्काल सुरक्षा घेरा बहाल करने की अपील की । उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से देश भर में यात्रा करने वाले सिख पंथ की महत्वपूर्ण हस्तियों, संतों और गणमान्य व्यक्तियों को केंद्रीय सुरक्षा प्रदान करने की अपील की है।
इस दौरान प्रो. सरचंद सिंह खियाला ने भारतीय किसान संघ और संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि राकेश टिकैत ने औरंगजेब की दरगाह पर जाकर श्रद्धांजलि दे कर नानक नाम लेवा संगत और सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।ऐसा करके टिकैत ने अपना असली चेहरा बेनकाब किया है। पंजाबियों को टिकैत से यह उम्मीद नहीं थी कि वह गुरु तेग बहादुर जी को शहीद करने वाले अत्याचारी की कब्र पर जाएंगा। उन्होंने किसान संघों से राजेश टिकेट के लिए अपने समर्थन पर पुनर्विचार करने की अपील की।