
IPS पूरन कुमार को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतरेगी AAP पार्टी, निकाला जाएगा कैंडल मार्च
चंडीगढ़/SANGHOL-TIMES/12अक्टूबर,2025(मलकीत-भामिया) :- आम आदमी पार्टी (AAP”) ने पंजाब में दलित आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के लिए न्याय की मांग को एक जन आंदोलन में बदलने के लिए कदम उठाया है। परिवार को न्याय न मिलने और हरियाणा भाजपा सरकार की चुप्पी ने पूरे पंजाब में जन भावनाओं को भड़का दिया है। “आप” ने स्पष्ट कर दिया है कि यह मामला केवल एक अधिकारी की मौत का नहीं है, बल्कि न्याय, समानता और सामाजिक सम्मान की लड़ाई है। दलित समुदाय से आने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद परिवार लगातार न्याय के लिए संघर्ष कर रहा है। पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार में देरी, एक दलित अधिकारी की मौत को राजनीति के प्रभाव में दबाने की सत्ता प्रतिष्ठान की कोशिश का प्रतीक बन गई है। लेकिन अब “आप” के नेतृत्व में, न्याय की यह माँग पंजाब की सड़कों पर गूंजेगी। इस आंदोलन को डॉ. भीम राव अंबेडकर की विचारधारा से जोड़ा जाएगा! राज्य के सभी प्रमुख जिलों में “आप” के मंत्री और विधायक कैंडल मार्च का नेतृत्व करेंगे। अमृतसर में हरभजन सिंह ईटीओ, जालंधर में महिंदर भगत, पटियाला में विधायक गुरदेव देवमान और चंडीगढ़ में पार्टी के वरिष्ठ नेता इस कैंडल मार्च का नेतृत्व करेंगे। पार्टी ने कहा है कि यह केवल एक प्रतीकात्मक आयोजन नहीं होगा, बल्कि एक सशक्त संदेश होगा, जब सरकार अन्याय पर चुप रहती है, तो जनता जवाब देने के लिए सड़कों पर उतरती है। आम आदमी पार्टी ने इस आंदोलन को डॉ. भीम राव अंबेडकर की विचारधारा से जोड़ा है। बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर साहब ने जिन न्याय, समानता और सम्मान के लिए लड़ाई लड़ी, उनकी रक्षा के लिए आज यह मोर्चा शुरू किया जा रहा है। पंजाब के लोग पूरन कुमार जैसे ईमानदार अधिकारी के साथ हुए अन्याय को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह आंदोलन किसी एक अधिकारी के लिए नहीं, बल्कि पूरे दलित समुदाय के सम्मान और गरिमा के लिए है। आम आदमी पार्टी (“आप”) ने पंजाब में दलित आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार को न्याय दिलाने के लिए कदम उठाए हैं। परिवार को न्याय न मिलने और हरियाणा की भाजपा सरकार की चुप्पी ने पूरे पंजाब में जनभावनाओं को भड़का दिया है। “आप” ने स्पष्ट कर दिया है कि यह मामला केवल एक अधिकारी की मौत का नहीं है, बल्कि न्याय, समानता और सामाजिक सम्मान की लड़ाई है। दलित समुदाय से आने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद परिवार लगातार न्याय के लिए संघर्ष कर रहा है। पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार में देरी सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा राजनीति और प्रभाव के तहत एक दलित अधिकारी की मौत को भी दबाने की कोशिश का प्रतीक बन गई है। लेकिन अब “आप” के नेतृत्व में न्याय की यह मांग पंजाब की सड़कों पर गूंजेगी। [