SangholTimes/07/12/2022 – इतिहास गवाह है पुत्रमोह में लोगों ने यज्ञ से लेकर कई अनुष्ठान संपन्न कराएं हैं काश वो लोग पुत्री जन्म पर शोक न मनाते ! पितृसत्तात्मक सोच रखने वाले समाज में समय-समय पर पुत्रियों ने अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ी है कभी शिक्षा के लिए तो कभी समानता के लिए ।
कल जो रोहिणी आचार्य ने अपने पिता के लिए किया है ये एक आम बात नहीं है बल्कि समाज के उस हिस्से के लिए एक सबक है जो देश की आधी आबादी के लिए एक अलग नजरिया रखते हैं ।
मेरा विश्वास है कि पिता पुत्री के सम्बन्धो का जब भी जिक्र होगा रोहिणी आचार्य का नाम अवश्य ही स्वर्णिम अक्षरों में अंकित किया जाएगा । सच कहते हैं कि बेटियाँ सौभाग्य लाती हैं । मुझे लालूजी धरती के सबसे अमीर व्यक्ति नजर आ रहे हैं जिनके पास रोहिणी जैसी पुत्री है । साथ ही वो कई पिताओं के प्रेरणास्रोत भी हैं जिन्होंने रोहिणी जैसी पुत्री को मानवीय मूल्य प्रदान किये ..