चंडीगढ़ महिला कांग्रेस का प्रशासक से सवाल है कि शहर की जनता को चंडीगढ़ में सांस लेने के लिए भी टैक्स देना पड़ेगा क्या?
*दीपा दुबे ने प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित को पत्र लिखकर पूछा कि क्या चंडीगढ़ की जनता को चंडीगढ़ में पैदल चलने और सास लेने के लिए भी टैक्स देना पड़ेगा क्या?*
SangholTimes/18.12.22/Nagpal/चंडीगढ़ – चंडीगढ़ शहर में प्रशासन द्वारा चंडीगढ़ के नगर वासियों को नए साल का एक और तोहफा संपर्क सेंटरों पर बिजली वे पानी के बिल जमा करवाने वह रोजमर्रा की सुविधाएं के लिए ₹25 चार्ज करना कहां का तानाशाही प्रशासन का फरमान है।
दुबे ने कहा कि यह संपर्क केंद्र चंडीगढ़ के नागरिकों की सुविधाओं के लिए बनाए गए थे और इतने सालों से यह कार्यरत चंडीगढ़ वासियों के लिए है लेकिन आज 20 से ₹25 चार्ज की आवश्यकता प्रशासन को क्यों पड़ी अगर प्रशासन सुविधा केंद्र सुचारू रूप से नहीं चला सकता तो इन्हें अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया जाए लेकिन चंडीगढ़ के हर नागरिक के ऊपर 20 से ₹25 का चार्ज एक बिल के ऊपर बर्दाश्त नहीं हो सकता।
दीपा दुबे ने कहा कि 2014 से लेकर आज तक पिछले 8 सालों में शहरवासियों पर बीजेपी सरकार द्वारा पानी के बिलों के बढ़े हुए रेट, प्रॉपर्टी टैक्स की हर साल बढ़ती हुई दरें, पार्किंग के बढ़े हुए रेट, गार्बेज सेस, सीवरेज ससे, काऊ सेस, चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म के टिकट और पिक एंड ड्रॉप सर्विस पर 50 से ₹200 का शहरवासियों से लूटना , चंडीगढ़ के नागरिकों के घरों के बाहर खड़े वाहनों के चालान के रूप में कर वसूलना, स्ट्रीट पार्किंग का कर वसूलना यह सभी जन विरोधी नहीं तो क्या है?
दुबे ने कहा कि भाजपा शासित प्रशासन का काम सिर्फ और सिर्फ चंडीगढ़ के नागरिकों को चंडीगढ़ से भगाने की रणनीति है जिससे शहरवासी कर पर कर लगाकर शहर वासियों को शहर से बाहर करना चाहते हैं ताकि चंडीगढ़ शहर में कोई गरीब और आमजन रह ना सके। 1 सप्ताह में दो दो टैक्स का एलान कहां तक वाजिब है।
दीपा दुबे ने चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित को पत्र लिखकर कहा कि प्रशासन का काम जनविरोधी नीतियां ना बनाकर जनहित में कार्य करना है लेकिन आपके इन तानाशाही फरमान से यह पता चल रहा है कि चंडीगढ़ का प्रशासन जनता के विरोध में हर कार्य करना चाह रहा है। इसके पीछे भाजपा शासित प्रशासन की क्या मंशा है यह चंडीगढ़ के नागरिक जानना चाहते हैं। जब से यह भाजपा शासित सरकार आई है महंगाई की मार हर एक व्यक्ति पर पढ़ रही है लेकिन आज आपका तानाशाही फरमान कर कर लगाकर आम जान का गला गॉट रहा है। क्या शहरवासियों को चंडीगढ़ में पैदल चलने और सांस लेने में भी चंडीगढ़ की प्रशासन को टैक्स देना पड़ेगा क्या आने वाले दिनों में इसका जवाब चंडीगढ़ की जनता आपसे मांगती है।