बाकी सैक्टरों पर बिना कोई कट लगाऐ धान के सीजन के दौरान किसानों को 8 घंटे निर्विघ्न बिजली सप्लाई यकीनी बनाई : बिजली मंत्री
Sanghol Times/चंडीगढ़/18 मार्चः,2023
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार का एक साल पूरे होने पर बिजली क्षेत्र की उपलब्धियों संबंधी बात करते हुये बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई. टी. ओ ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से 1 जुलाई, 2022 से सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट (600 यूनिट प्रति बिल साइकिल) प्रति महीना मुफ़्त बिजली मुहैया करवाने के फ़ैसले के साथ पहली बार राज्य में लगभग 90 फीसद घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिल ज़ीरो आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में बिजली उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
बिजली मंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने 10 जून, 2022 से कृषि ट्यूबवैल कुनैकशनों के लिए लोड में वृद्धि को नियमित करने के लिए प्रति बी. एच. पी. 4750 रुपए की बजाय प्रति बी. एच. पी. 2500 रुपए की रियायती दर पर स्वैच्छिक खुलासा योजना भी शुरू की है और इस स्कीम के अधीन 1.96 लाख किसानों ने अपनी मोटरों का तकरीबन 8 लाख बी. एच. पी. लोड बढ़ा 180 करोड़ रुपए बचाए हैं।
उन्होंने कहा कि 2022 के दौरान देशव्यापी कोयला संकट के बावजूद पंजाब ने 29 जून, 2022 को अपनी अब तक की सबसे बड़ी 14,311 मेगावाट की माँग पूरी की और अप्रैल से सितम्बर 2022 तक गर्मियों के मौसम के दौरान रिकार्ड ऊर्जा की माँग पूरी की गई थी जोकि साल 2021 (38,204 एम. यूज) में इसी मियाद के दौरान पूरी की माँग के मुकाबले साल 2022 ( 43,149 एम. यूज) में 13 फीसद अधिक बनती है।
बिजली मंत्री ने आगे कहा कि चालू वित्तीय साल अप्रैल, 2022 से फरवरी, 2023 के दौरान बिजली की सारी माँग पूरी हुई जो पिछले साल की इसी मियाद (अर्थात 57,765 एम. यू. के मुकाबले 64,952 एम. यू.) की अपेक्षा 12 फीसद अधिक बनती है। बिजली मंत्री ने कहा कि पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमटिड ने अपने स्रोतों के सर्वोत्त्म प्रयोग के साथ इस साल के दौरान (अप्रैल से फरवरी, 2023 तक) अपने थर्मल और हाइडल उत्पादन में भी विस्तार किया है। जी. जी. एस. एस. टी. पी, रोपड़ और जी. एच. टी. पी, लहरा मोहब्बत से थर्मल उत्पादन पिछले साल (3108 एम. यूज के मुकाबले 6940 एम. यूज) की अपेक्षा 123 फीसद बढ़ा है। इसी तरह पी. एस. पी. सी. एल. के अपने प्रोजेक्टों से हाईड्रो उत्पादन भी पिछले साल की अपेक्षा क्रमवार 24 फीसद (3112 एम. यूज के मुकाबले 3863 एम. यूज) बढ़ा है। उन्होंने कहा साल 2000 में चालू होने के बाद रणजीत सागर हाईड्रो पावर प्रोजैक्ट ने 22 अगस्त, 2022 को एक ही दिन में 149.55 लाख यूनिट (एल. यूज) का रिकार्ड सबसे अधिक उत्पादन हासिल किया। उन्होंने कहा कि पी. एस. पी. सी. एल. के इन सभी ठोस यत्नों स्वरूप धान के सीजन( साल 2022) के दौरान किसी भी अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं पर बिजली कट लगाए बिना किसानों के लिए 8 घंटे निर्विघ्न बिजली सप्लाई यकीनी बनाई गई।
मंत्री ने आगे बताया कि राज्य में उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए रावी दरिया पर शाहपुरकंडी पावर प्रोजैक्ट (206 मेगावाट) के निर्माण का काम जंगी स्तर पर चल रहा है और इसकी 95.41 फीसद खुदाई का काम और मुख्य डैम का 81.08 फीसद कंकरीटिंग का काम मुकम्मल कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजैक्ट के मुकम्मल होने से बिजली की उपलब्धता में वृद्धि के साथ-साथ राज्य में पानी के विभाजन में भी सुधार होगा। उन्होंने आगे कहा कि पी. एस. पी. सी. एल. साल 2030 तक साफ़-सुथरी और किफ़ायती ऊर्जा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तय किये स्थायी विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कुल ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए लगातार यत्न कर रहा है और एक साफ़-सुथरी ऊर्जा के प्रमोटर के तौर पर अपने आरपीओ लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सख़्त कोशिश कर रहा है। इसकी प्राप्ति के लिए साल 2022 के दौरान पीएसपीसीएल व्यवस्था में 500 मेगावाट एसईसीआइ हाइब्रिड पावर और 300 मेगावाट ऐनऐचपीसी सोलर पावर आनी शुरू हो गई और 400 मेगावाट सोलर पावर के और बिजली खरीद समझौतों (पीपीएज़) पर हस्ताक्षर किये गए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में किसी भी जगह स्थापित प्रोजेक्टों से 1000 मेगावाट सौर ऊर्जा और पंजाब अंदरूनी प्रोजेक्टों से 200 मेगावाट सौर ऊर्जा की खरीद प्रक्रिया अधीन है। इसी तरह सी. पी. एस. यू. स्कीम के अधीन 1100 मेगावाट सोलर पावर की खरीद का अमल भी जारी है।
बिजली मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत मान के दिशा-निर्देशों पर पी. एस. पी. सी. एल. ने पछवाड़ा कोयला खदान का मुद्दा सम्बन्धित अथॉरिटी के समक्ष उठाया और कानूनी मसलों के कारण पिछले 7 सालों से बंद पड़े कामकाज को शुरू करने में पेश चुनौतियों को दूर किया है। मुख्यमंत्री पंजाब, 16 दिसंबर, 2022 को जी. जी. एस. एस. टी. पी. रोपड़ में कोयले का पहला रैक आने के समय वहाँ मौजूद थे। उन्होंने आगे बताया कि अब तक 2,98,000 मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन किया जा चुका है और लगभग 76 रैक पी. एस. पी. सी. एल पावर स्टेशनों को भेजे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पछवाड़ा केंद्रीय कोयला खदान से कोयले की नियमित सप्लाई, पंजाब के थर्मल पावर स्टेशनों को सीआईऐल स्रोतों से कोयले की घटी सप्लाई को पूरा करने में मदद करेगी और कम कोयले की लागत के कारण सस्ती बिजली मिलने से पंजाब के लोगों को सबसे अधिक फ़ायदा होगा।