Sanghol Times/19.03.2023/Yodvir Singh – प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आयोजित किए जा रहे 3 दिवसीय भास्कर राव सम्मेलन के अंतिम दिन संतूर, बांसुरी एवं तबला की तिकड़ी एवं कत्थक नृत्य का खूबसूरत प्रदर्शन किया गया । इस कार्यक्रम का आयोजन टैगोर थियेटर में सायं 6.00 बजे से किया गया । इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण केन्द्र के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी किया गया । आज इस कार्यक्रम में उत्कल यूनिवर्सिटी , भुबनेश्वर के रजिस्ट्रार श्री आव्या कुमार नायक और श्री सुभाष चंद्र दाश, पूर्व एचओडी , पीजी डिपार्टमेंट , संस्कृत, उत्कल यूनिवर्सिटी विशेष तौर से यहाँ पधारे और सम्मलेन के अंतिम दिन गेस्ट ऑफ़ ऑनर के रूप में उपस्थित हुए। इनके साथ केंद्र की रजिस्ट्रार डॉ शोभा कौसर एवं सचिव श्री सजल कौसर भी मौजूद थे। आज की पहली प्रस्तुति में संत्तोड़ वादक श्री सतीश व्यास , श्री चेतन जोशी , श्रीमती अनुराधा पल की तिकड़ी ने खूब रंग जमाया और इनके पश्चात युवा , प्रतिभावान एवं जाने माने कत्थक नृतक कुमार शर्मा एवं उनके समूह द्वारा शानदार प्रस्तुति पेश की गई।
आज पहली प्रस्तुति में मुंबई से आये पंडित सतीश व्यास , दिल्ली के पंडित चेतन जोशी और मुंबई की ही पंडिता अनुराधा पाल की धुआंदार तिकड़ी ने खूब रंग जमाया। इसके उपरांत मुंबई के युवा कलाकार कुमार शर्मा ने अपने समूह के साथ कत्थक की जबरदस्त प्रस्तुति से दर्शकों को संगीत के रंगों की फुहारों से मदमस्त कर दिया।
कार्यक्रम की शरुआत संतूर, बांसुरी एवं तबले की तिकड़ी से हुई। पंडित सतीश व्यास, पंडित चेतन जोशी और पंडिता अनुराधा पाल की तिकड़ी ने कार्यक्रम की शुरूआत के लिए राग रागेश्री को चुना , जिसमें आलाप के बाद विलम्बित झप ताल में निबद्ध जोड़ झाला प्रस्तुत किया उपरांत तीन ताल से सजी मध्य लय और द्रुत बंदिशें पेश करके वाहवाही लूटी। बांसुरी की मधुर धुन , संतूर की झंकार और तबले की थाप के सुन्दर समावेश दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गया। इन तीनो कलाकारों की जुगलबंदी और अपने वाद्य यंत्रों पर इनकी पकड़ का अद्भुत नज़ारा देखने लायक था। कार्यक्रम का समापन इन्होने एक पहाड़ी धुन से किया
कार्यक्रम के दूसरे भाग में मुंबई से आये युवा एवं प्रतिभावान कलाकार कुमार शर्मा ने मंच संभाला। अपनी पहली प्रस्तुति में इन्होने त्रिनाद: संगीत, ताल और नृत्य का त्रय जोकि संगीत, ताल और आधुनिक तकनीक के उपयोग के माध्यम से जीवन के हमारे समृद्ध और जटिल अनुभव का जश्न मनाने के लिए एक शास्त्रीय नृत्य नाटिका है। त्रिनाद शास्त्रीय परंपरा का एक नए जमाने का प्रदर्शन है। जीवन की आध्यात्मिक रचना से शुरू होकर प्रकृति, लय, भावना और मानव अनुभव के अन्य सभी पहलुओं की उत्पत्ति के माध्यम से ले जाता है।
इस भावपूर्ण नृत्य में विनाश के देवता शिव का प्रतीकात्मक वर्णन नृत्य के माध्यम से दिखाया गया है और उनकी प्रचंड ऊर्जा का चित्रण किया गया है। वह अपने ढोल या “डमरू” की थाप से ब्रह्मांड को नियंत्रित करते हैं। इसके उपरांत तकनिकी पक्ष पेश किया गया जिस में उन्होंने ताल धमार में कथक के तकनीकी भाग उपज, थाट, परन आमद, टुकड़ा, टोडा, तिहाई, जुगलबंदी आदि प्रस्तुत किया । इसके बाद इन्होने अभिनय पर आधारित नृत्य पेश किया।
शो के दूसरे भाग में कुमार शर्मा द्वारा उनके वायरल वीडियो ‘हम कथा सुनाते’ का लाइव गायन पेश किया गया। और फिर पूरे समूह द्वारा सुंदर कविता पर प्रदर्शन किया गया । महाभारत पर अमित शर्मा जी और महाभारत शीर्षक ट्रैक पर एक नृत्य प्रदर्शन के साथ समापन किया गया। कुमार शर्मा के समूह में राहुल शर्मा , अनमोल सूद , शम्मी कुमार , इशिका चूमर, मृदुल राजपाल , राशि नरूला एवं मेघना ठाकुर ने प्रस्तुति पेश की।
इनके साथ मंच पर संगतकारों में ऋषभ शर्मा ने तबले पर , जयंत पटनायक पखावज पर बखूबी संगत करके कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए
कार्यक्रम के अंत में कलाकारों को पुष्प एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया