आराम दायक जीवन – Hindi Motivational Story (Ram Sarup, Kharar) 24.03.2023
एक बार गिद्धों का एक झुण्ड शिकार (भोजन) की तलाश मे उड़ते उड़ते एक ऐसे टापू पर पहुंचा जो समुद्र के चारो तरफ से घिरा था | गिद्धों का झुण्ड ज़ब उस टापू पर उतरा तो उन्होंने देखा की यहां तो बहुत सारी मछलियां है | यहाँ शिकार करना बहुत ही सरल है | उस स्थान पर पहुँच कर गिद्धों ने भर पेट मछली मेंढक केकड़े खाए | दो दिन तक सभी गिद्ध उसी टापू पर रुके रहे और इसी तरह आसानी से मिलने वाले शिकार के ऊपर निर्भर रहकर भर पेट भोजन करते रहे और आराम करते रहे |
अब! गिद्धों को वो जगह बहुत पसंद आ चुकी थी …जिसके चलते उन्होने वही रहने का फैसला किया |
तभी उनमे से एक बूढ़े गिद्ध ने सभी गिद्धों को उस टापू से वापिस चलने को कहा | यह सुनते ही सभी गिद्ध गुस्से से झिन मिना उठे और कहने लगे की,! अरे दादू क्या पागलो जैसी बातें कर रहे हो, इतनी अच्छी जगह मिल गई है हम लोगो को, कम मेहनत मे एक से एक स्वादिष्ट मझलियां मिल जाती है और तो और यह जगह बिलकुल महफूज़ है क्योंकि यह जगह बड़े जंगली जानवरो की पहुँच से बहुत दूर है |आप बेकार की चिंता करना छोड़े और मचिलयों का शिकार करे | बाकी का जीवन कितने आराम और आनंदमई तरीके से व्यतीत हो जाएगा यहां पर आपको पता ही नहीं चलेगा |
और आप कहते हो की यहाँ से लौट चलो. कमाल करते हो आप भी. आपको जाना है तो जाओ हम तो यहीं रहेंगे |
बूढ़े गिद्ध को अब सभी गिद्धों की फ़िक्र सताने लगी क्योंकि बूढ़ा गिद्ध बहुत तजुर्बेकार था, इसलिए जीवन की जो बातें बूढ़ा गिद्ध समझता था उसे बाकी के गिद्ध नहीं समझ पा रहे थे |
इसलिए बूढ़े गिद्ध ने सभी गिद्धों को इस बार अच्छे से समझाते हुए कहा. यह आराम का जीवन हम गिद्धों के लिए सही नहीं है | इससे हम अपनी उड़ने की ताकत और शिकार करने के गुण खो देंगे. ऐसा जीवन भविष्य मे परेशानियाँ लेकर आएगा |
इस तरह बूढ़ा गिद्ध बहुत देर तक सबको समझाता रहा | लेकिन बाकी गिद्धो के मन पर तो अब तक लालच व आरामदायक सुलभ जीवन का मोह इस कदर जकड़ चुका था, गिद्धों का मन टस से मस ना हुआ | उन्हे लगा की बूढ़ा गिद्ध सठिया गया है इसीलिए ऐसी बेफिजूल की बाते कर रहा है |
आखिरकार बूढ़ा गिद्ध वहाँ से चला गया. और यहाँ सभी गिद्ध कई दिनों तक मौज की जिंदगी जीते रहे |
एक साल बाद बूढ़े गिद्ध को अपने गिद्ध दोस्तों से मिलने की तीव्र इच्छा हुई | इसलिए बाकी गिद्धो का हाल चाल लेने के लिए ज़ब वो बूढ़ा गिद्ध उस टापू पर पहुंचा तो वहाँ का नजारा तो बहुत खोफनाक और डरा देने वाला था!
वहाँ सभी गिद्ध बहुत बुरी हालत मे कटे मरे पड़े थे मानो की किसी जंगली शिकारी ने उन पर वार किया हो!
एक गिद्ध अभी भी ज़िंदा था जख़्मी हालत मे था. बूढ़ा गिद्ध तुरंत उसके पास गया और पूछा की ये सब कैसे हुआ!
तब उस जख़्मी गिद्ध ने बताया की तुम्हारे जाने के बाद कई दिनों तक सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था बड़े मज़े से जिंदगी कट रही थी!
लेकिन एक दिन अचानक एक बड़े से विमान मे कुछ लोग आए और उन्होंने इस टापू पर बहुत सारे चीता छोड़ दिए.
हम लोगो को लगा चीता ज़ब हमारे करीब आएंगे तो हम उड़ जाएंगे! लेकिन ऐसा नहीं हुआ हम उड़ना ही भूल चुके थे सभी चीता ने हम पर हमला कर दिया और सबको मार डाला! क्योंकि बहुत समय से हम लोग कभी उड़े ही नहीं जरूरत ही नहीं पड़ी जिस वजह से अब उड़ान भरनी चाही तो ताकत ही नहीं थी उच्च उड़ान भरने को. थोड़ा बहुत उड़ते लेकिन फिर से नीचे आ गिरते!
आपने ठीक ही कहा था ये आराम दायक जीवन एक दिन हमारे लिए खतरा बन जाएगा!
सीख – Moral of the story –
दोस्तो इस कहानी से हमे सीख मिलती है जीवन मे संघर्ष और मेहनत बहुत जरूरी है | एक आराम दायक जीवन सोचने की शक्ति और शारीरिक क्षमताओं को खत्म कर देता है |
हमेशा लगातार मेहनत करते रहना चाहिए यदि मेहनत करना बंद कर देंगे तो शरीर और किस्मत दोनों खराब हो जाएगी | अक्सर कम्फर्ट जोन (Comfort Zone) में जाने के बाद उससे बाहर आ पाना मुश्किल होता है! ऐसे में चुनौतियाँ आने पर उसका सामना कर पाना आसान नहीं होता. इसलिए कभी भी कम्फर्ट ज़ोन (Comfort Zone) में जाकर ख़ुश न हो जाएँ. ख़ुद को हमेशा चुनौती (Challenge) देते रहे और मुसीबत के लिए तैयार रहें. जब तब आप चुनौती का सामना करते रहेंगे, आगे बढ़ते रहेंगे!