
चंडीगढ़ शहर की सांसद श्रीमती किरण खेर ने शिक्षा मंत्री, भारत सरकार धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिख कर 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी को संशोधित अनुदान देने की की मांग चंडीगढ़ ( हरमिंदर नागपाल) हाल ही में पंजाब यूनिवर्सिटी की वीसी प्रो. रेणु विग ने श्रीमती किरण खेर से मुलाकात की थी और उन्हें इस संबंध में एक पत्र सौंपा था। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने और पीयू के शिक्षकों और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान के लागू होने के बाद एरियर का भुगतान करने के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी को दिए जाने वाले अनुदान में संशोधन के लिए प्रो. विग ने शिक्षा मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था।
खेर ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि बड़ी संख्या में संसदीय क्षेत्र चंडीगढ़ के निवासी पंजाब यूनिवर्सिटी में काम कर रहे हैं और वे तकनीकी/वित्तीय बाधाओं के कारण संशोधित वेतनमान का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान से व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखने और संशोधित अनुदान जारी करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया है ताकि पंजाब यूनिवर्सिटी में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को सही मायने में लागू किया जा सके।
सांसद श्रीमती किरण खेर को लिखे पत्र में प्रो. विग ने उल्लेख किया है कि भारत की अन्य सभी यूनिवर्सिटीज और केंद्र सरकार द्वारा फंडेड में 7वां वेतन आयोग पहले लागू किया गया है और शिक्षकों और कर्मचारियों को बकाया भुगतान भी किया गया है। पंजाब यूनिवर्सिटी में पंजाब सरकार की नोटिफिकेशन के बाद ही 7वां वेतन आयोग को लागू किया गया है। इसलिए, 7वें वेतन आयोग को अपनाने में देरी हुई और इसे वर्ष 2023 में ही लागू किया जा सका है। ऐसे में शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिए जा रहे वार्षिक अनुदान को संशोधित किया जाना है और एरियर्स के भुगतान के लिए एकमुश्त अनुदान भी शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किया जाना है। चंडीगढ़ में अन्य संस्थान जैसे पेक, एनआईटीटीटीआर, पीजीआई और पूरे भारत में 7वें वेतन आयोग के अनुसार अनुदान मिल रहा है और एरियर्स का भी भुगतान किया जा चुका है। पंजाब यूनिवर्सिटी एकमात्र ऐसी यूनिर्सिटी है, जिसे केंद्र से फंड तो मिल रहा है, लेकिन फंड के अभाव में एरियर्स का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है।