बुद्ध के नामलेवा बौद्ध विहारों की खोज के प्रति उदासीन क्यों – विजय मौर्या
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संघोल टाइम्स/25 मई, 2022/पारस/लुधियाना – भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जब भी कभी विदेशों में जाते हैं तो कहते हैं कि मैं महात्मा बुद्ध की धरती से आया हूं और उनका दिया हुआ अहिंसा परमोधर्म आज भी हमारा मूल सिद्धांत है । जबकि हकीकत में विश्व विजेता सम्राट अशोक मौर्या द्वारा अपने जीवनकाल में 84000 बौद्ध विहारों का निर्माण करवाया गया और कई शिलालेख भी स्थापित किये गये । यह शिलालेख और वह बौद्ध विहार कहां गुम हो गए और इनकी खोज के प्रति सरकार का उदासीन रवैया चिंता का विषय है । भारत सरकार को चाहिए कि वह तत्काल रूप से भारतीय पुरातत्व विभाग में रिक्त पड़े पदों को जल्दी से जल्दी भरे और उसे इस कार्य के लिए जितने भी धन की आवश्यकता हो इसे मुहैया करवाए ताकि हम अपनी समृद्ध सांस्कृतिक व धार्मिक धरोहर की रक्षा कर सके । यह बात अखिल भारतीय मौर्या महासभा के राष्ट्रीय संरक्षक विजय कुमार मौर्या ने “संघोल टाइम्स” के प्रतिनिधि से विशेष भेंट वार्ता के दौरान कही । उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान से अपील करते हुए कहा कि प्रदेश के जिला श्री फतेहगढ़ साहिब के गांव “संघोल” में मौजूद अवशेषों को देखने हेतु सरकारी स्कूलों के विशेष पूर्व प्रोग्राम आयोजित करने के लिए शिक्षा मंत्री व शिक्षा विभाग को निर्देश दे ताकि हमारी युवा पीढ़ी हमारी समृद्ध इतिहास से परिचित हो सके । इस स्थान को टूरिस्ट प्लेस बनाने के लिए जोर शोर से प्रयास किए जाएं, जिससे राज्य सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी ।