चंडीगढ़/एजेंसी – आदमपुर के विधायक कुलदीप बिश्नोई पार्टी ‘लाइन’ से बाहर हो गए हैं। शुक्रवार को हुए राज्यसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी अजय माकन को वोट देने के बजाय क्रॉस वोट किया। उनका वोट जजपा व भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा को गया। उन्होंने पहले ही कहा था वह अंतर-आत्मा की आवाज पर वोट डालेंगे। इस घटनाक्रम के बाद शनिवार को कांग्रेस ने कुलदीप को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के विशेष आमंत्रित सदस्य के पद से हटा दिया। साथ ही, उन्हें नोटिस भी जारी किया गया है। बताते हैं कि पार्टी कुलदीप के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने के मूड में है। हालांकि, क्रॉस वोटिंग के आधार पर पार्टी उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर सकती, सूत्रों का कहना है कि उन्हें दूसरे मामलों में नोटिस दिया गया है। दरअसल, हरियाणा कांग्रेस में हुए नेतृत्व परिवर्तन और चौ. उदयभान को प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने के बाद से कुलदीप पार्टी से नाराज़ चल रहे हैं।
वे राहुल गांधी से मुलाकात का समय भी मांग रहे थे, लेकिन मुलाकात नहीं हुई। इस दौरान कुलदीप ने पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में भाग नहीं लिया। इसी आधार पर नोटिस देने की खबर है। कुलदीप के कदम से साफ हो गया है कि उन्होंने एक बार फिर अलग राह पकड़ ली है। उनकी सियासी गाड़ी फिर से कांग्रेस की ’पटरी’ से उतरती नज़र आ रही है। अजय माकन को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से ही कुलदीप बिश्नोई लगातार बागी तेवर अपनाए हुए नज़र आ रहे थे। वे खुद प्रदेशाध्यक्ष बनना चाहते थे।
यह पहला मौका नहीं है जब कुलदीप ने इस तरह का राजनीतिक फैसला लिया है। दिसंबर-2007 में वह कांग्रेस से अलग हो गए थे और रोहतक में रैली करके हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) का गठन किया था। साल 2009 के विधानसभा चुनाव में कुलदीप सहित उनकी पार्टी के छह उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे। उस समय भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को 40 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। कुलदीप के पांच विधायक उन्हें छोड़कर कांग्रेस में विलय कर गए थे।
इसके बाद 2014 के विधानसभा चुनाव में हजकां को महज दो सीटों पर जीत हासिल हुई।