निक्षय मित्र बनने के लिए समाज के सभी वर्ग आगे आयें -डॉ. अजय सिंह जिला कार्यक्रम अधिकारी (स्वास्थ्य) पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट
संघोंल टाइम्स/सोलन/23.12.2022/विनीत सिंह –
डॉ. अजय सिंह जिला कार्यक्रम अधिकारी (स्वास्थ्य) ने आम जन और सभी क्षेत्रों के अधिकारी गणों से अपील की है कि वो जिला को क्षय रोग मुक्त बनाने में युद्धस्तर पर आगे आयें।
इस क्षय रोग या टीबी रोग को केंद्र सरकार का लक्ष्य सन 2025 और राज्य सरकार का अपना लक्ष्य सन 2024 तक टीबी मुक्त बनाना है।
डॉ. अजय सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार इस रोग से ग्रस्त रोगियों की निःशुल्क दवाईयों व आर्थिक तौर पर मदद कर रही है।
सभी ने एक टीम की तरह भारत को और राज्य को क्षय रोग मुक्त बनाने का संकल्प लिया है, और इसके लिए सभी चाहे वह चिकित्सक हो, आशा वर्कर हों या अन्य ब्लॉक या पंचायतों के स्वास्थ्य संबंधी अभियान चलाते हों सभी इस अभियान को अपनी पूरी मेहनत से पूर्ण करने में जुटे हैं।
इसी कड़ी में जिला कार्यक्रम अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ अजय सिंह ने आम लोगों और सक्षम वर्ग के लोगों से अपील की है, कि वह ऐसे रोगियों की सहायता करने आगे आएं, जिससे रोगियों को पोषण संबंधी हाई प्रोटीन आहार की निःशुल्क सुविधा मिल सके।
डॉ. अजय ने बताया कि नि क्षय मित्र बनकर सेवा की भावना से लोग आगे आ रहे हैं, अब तक सोलन में पंजीकृत नि क्षय मित्रों की संख्या 80 है।
डॉक्टर अजय सिंह ने इस वार्तालाप में बताया कि जबसे हमने नि क्षय मित्र की शुरुआत की है, इसमें जो एनजीओ आगे आकर काम कर रही हैं उनमें
होप रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी थड़ी सुबाथू
हेल्प एज इंडिया चंबाघाट
2 ग्राम पंचायतें :-
ग्राम पंचायत डांगरी और
ग्राम पंचायत बसाल है।
एक ग्रुप इनरव्हील क्लब
बरोटीवाला इंडस्ट्री एसोसिएशन
साईं सेवा समिति, सोलन
यह सभी संस्थाएं जो नि क्षय मित्र से जुड़ी है इन सभी संस्थाओं में एक या दो मरीज जोकि क्षय रोग से संबंधित हैं इन्होंने adopt (अपनाया) कर लिए हैं।
चल रहे कुल मरीजों का ईलाज :- 913
कुल रोगियों ने सहमति दी :- 613
कुल निक्षय मित्र रजिस्टर :- 80
कुल मरीज जुड़े :- 613
प्रदान किए गए नि क्षय पोषाहार किट :-149
हमारी पहल पर समाज का हर वर्ग नि क्षय मित्र बन रहा है, हम सभी लोगों से मिलकर बता रहे हैं, कि भारत सरकार की क्या पहल है और एक हमारी टी. बी. रोगी ना केवल दवाई खा रहा है बल्कि नि क्षय मित्र उनको पोषण संबंधी आहार भी प्रोवाइड कर रहे हैं इन नि- क्षय मित्रों ने इस बात पर सहमति जताई है कि वह समय-समय पर टीबी रोगी से बातचीत कर उनका हौसला भी बढ़ायेंगे और उनकी दुख तकलीफों को भी समझेंगे और उनको दूर करने का पूर्ण प्रयास भी करेंगे और उनके शीघ्र ठीक होने की कामना और प्रार्थना भी करते रहेंगे।
क्योंकि लंबे समय तक टीबी की दवाइयां खाते हुए कई बार मरीज को मानसिक परेशानियों से जूझना पड़ता है जिससे कि उसका मनोबल का स्तर भी घटने लगता है, उनके लिए उनका मनोबल समय-समय पर उनका हाल-चाल पूछ कर बढ़ाते हैं, साथ ही high-protein खाद्य पदार्थ डाइट देते हैं।
डॉ. अजय सिंह ने बताया कि जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ प्रवीण शर्मा और जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अजय सिंह के संयुक्त प्रयास से नि क्षय पोस्टिक किट तैयार की गई है।
इस पोष्टिक किट में काला चना और मूंग की साबुत दाल हैं, जिसको की अंकुरित करके खाने को कहते हैं इसके सेवन से मरीज में प्रोटीन का स्तर बढ़ता है।
इसी किट में एक सोयाबीन की बड़ीयों का पैकेट भी डाला हैं, जिसको सप्ताह में एक या दो बार सब्जी बनाकर खाने के लिए कहा जाता है।
इसी किट में हल्दी पाउडर के बड़े पैकेट भी डाले हैं, जिनका की प्रतिदिन एक गिलास दूध में आधा या एक चम्मच दूध में उबालकर पीने को कहते हैं।
इसी किट में इन सब चीजों के अलावा मूंगफली भी डाली है जो सप्ताह में एक या दो बार चाय के साथ ली जा सकती है, साथ ही साथ इसमें चवनप्राश का एक डिब्बा भी डाला है, इसका एक चम्मच प्रतिदिन सेवन करें यह सभी चीजें मरीज के शरीर में इम्यूनिटी भी बढ़ाती हैं और टीबी की दवाइयों को और कारगर करने में सिद्ध होती हैं।
साथ ही साथ प्रोटीन की मात्रा को विशेष कर ध्यान में रखकर high-protein पोषण (डाइट) की आवश्यकता होती है।
इसी उद्देश्य से यह नि- क्षय किट बनाई है हाई प्रोटीन के साथ ही अंदर की ताकत और क्षमता बढ़ाने के लिए च्यवनप्राश शामिल किया गया है।
आने वाले समय को ध्यान में रखते हुए कोविड के केस बढ़ेंगे तथा इसमें साथ ही टीबी जैसी संक्रमित बीमारियां भी बढ़ने का खतरा है, क्योंकि कोविड हमारे फेफड़ों को कमजोर करता है, और जिस से टीबी जैसी बीमारियों के बढ़ने का भी काफी खतरा है।
यह सब ध्यान में रखते हुए इसमें हमने इस नि क्षय किट को आम लोगों तक भी इसका प्रचलन करने का प्रयास किया है क्योंकि कोविड फेफड़ों को कमजोर करता है इससे फेफड़ों के टीबी का खतरा बढ़ता है, यदि आमजन भी इस किट में दिए खाद्य पदार्थों का सेवन नियमित रूप से करता है, तो उसमें भी भीतरी ताकत बनी रहती है जो कोविड व टीबी रोग से लड़ने में सहायक होते हैं।
नि क्षय मित्र टीबी रोगी को नित्य प्राणायाम और नियमित रूप से मेडिटेशन करने की सलाह देते हैं।
सुबह प्राणायाम का एक वीडियो भी बनाया है, जिसमें संबंधित बीमारी के अनुरूप प्राणायाम और व्यायाम करने के तरीके बताए हैं।
यह वीडियो स्वयं कार्यक्रम अधिकारी डॉ अजय सिंह ने विधिवत रूप से कब कौन सा प्राणायाम करना है, और कितने समय तक करना है, बताया है।
इन सभी चीजों को लेकर घर-घर टीबी के मरीज तक पहुंचा जा रहा है, हमारा आदान भी यही रहेगा कि समाज के सभी वर्ग इस अभियान में आगे आकर बढ़ चढ़कर हिस्सा लें इसमें जो अधिकारीगण हैं वह भी इस में जुड़ें। जैसे सबसे पहले डॉक्टर अजय के साथ सीएमओ डॉ. राजन उप्पल बने थे, उन्होंने ही सबसे पहले मरीज को दवाइयां आदि देने की शुरुआत की थी तब सारे प्रदेश में यही पहले अधिकारी थे।
अब वक़्त बदला है अब आशा वर्कर भी नि क्षय मित्र बनी हुई है, यह इस बात को दर्शाता है, कि हमारा सोलन जिला इस मुहिम को बहुत ही संजीदगी व गम्भीरता से ले रहा है, और अपने आप नि क्षय मित्र बन कर एक मिसाल पेश की है।
धीरे-धीरे इसमें संस्थानों को जोड़ना शुरु किया है जिसका विवरण पहले दिया है।
अब हम औद्योगिक क्षेत्र में भी आगे बढ़ रहे हैं, और औद्योगिक क्षेत्र भी इसमें अपने योगदान की आहुति डाल रहे हैं इनको हमने आग्रह किया है कि आगे आए और नि क्षय मित्र बनकर सहायक बने।