शहर के बुजुर्गों , विधवा महिलाएं और दिव्यांगों के साथ क्यों चंडीगढ़ प्रशासन कर रहा है दुर्व्यवहार – दीपा दुबे
प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित से अपील शहर के बुजुर्गों दिव्यांगों और विधवा महिलाओं को पड़ोसी राज्यों से दुगनी पेंशन दी जाए – महिला कांग्रेस
STN/चंडीगढ़/22.05.2023/Harminder Nagpal –
चंडीगढ़ महिला कांग्रेस की प्रधान दीपा दुबे ने प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित को बुजुर्गों , विधवा महिलाओं और दिव्यांगों की पेंशन को लेकर पत्र लिखा है।
चंडीगढ़ शहर के 25000 के करीब लोग जो की बुजुर्ग विधवा और दिव्यांग है उनकी पेंशन को लेकर सवाल खड़े किए। पत्र में कहा कि शहर के वृद्ध अवस्था विधवा और दिव्यांग को प्रशासन द्वारा एक हजार रुपए पेंशन दी जाती है। प्रशासक ही इसका जवाब दे कि क्या ₹1000/- में किसी का घर का खर्च इस समय में चल सकता है?
महिला प्रधान ने पत्र के माध्यम से बीजेपी शासित प्रशासन के अधिकारी और सांसद किरण खेर और बीजेपी के नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए कहां है कि शहर की कमान इस इस समय बीजेपी के नेताओं के हाथ में है सिर्फ और सिर्फ चंडीगढ़ के नागरिकों का हाल चुनावों के समय में ही पूछा जाता है उनको लुभावने वादे चुनावों के समय ही दिए जाते हैं लेकिन धरातल पर बुजुर्गों, विधवा महिलाओं और दिव्यांगों के लिए कुछ भी नहीं भारतीय जनता पार्टी की सांसद किरण खेर और ना ही शहर में बीजेपी शासित प्रशासन कुछ कर रही है।
दीपा ने कहा कि भाजपा और भाजपा शासित प्रशासन व केंद्र की सरकार का बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांगों के प्रति उदासीन रवैया है। शहर में महंगाई चरम सीमा पर है बाद फिर बिजली-पानी के बिलों की हो या नगर निगम द्वारा लगाए गए टैक्स कि प्रशासन बनवारीलाल पुरोहित ही इस बात को समझाएं कि 1000 में शहर का बुजुर्ग विधवा महिलाएं और दिव्यांग कैसे अपना रोजमर्रा की जिंदगी में कैसे गुजारा करें । प्रशासन के अधिकारी सिर्फ एसी कमरों में बैठकर यह जरूर तय कर देते हैं कि 1000 पेंशन है लेकिन क्या कभी प्रशासन का कोई भी अधिकारी उन बुजुर्गों, विधवा महिलाओं, या विकलांगों के घर जाकर कभी देखा है कि वह कैसे अपनी जिंदगी को इस कठिन समय में चला रहे हैं।
दीपा दुबे ने कहा कि शहर की सांसद किरण खेर क्यों नहीं संसद में चंडीगढ़ के नागरिकों की बात को रखती, क्या वजह है जो शहर की सांसद किरण खेर को नहीं दिख रहा कि शहर के बुजुर्ग, विधवा महिलाएं और दिव्यांग कैसे अपना गुजारा करेंगे। साथ राज्य जैसे कि पंजाब हरियाणा और हिमाचल में देखा जाए तो वहां की पेंशन चंडीगढ़ शहर से ज्यादा है। क्यों नहीं प्रशासन बनवारीलाल पुरोहित खुद ही इस प्रस्ताव को दिल्ली में भेजें ताकि शहर मैं रहने वाले बुजुर्गों, विधवा महिलाओं और दिव्यांगों को आज के समय की जरूरत के हिसाब से सरकारी पेंशन मिल सके ताकि वह अपना जीवन को निर्वाह कर सकें। भाजपा ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में शहर के नागरिक जो पेंशन धारक है उनसे वादा किया था कि चुनाव जीतने के बाद उनकी पेंशन में बढ़ोतरी होगी लेकिन शहर के नागरिकों को और पेंशन धारकों को क्या पता था की सिर्फ चुनावों में भाजपा लुभावने वादे वोट बटोरने के लिए करती है लेकिन धरातल पर शहर की जनता को गुमराह किया है।
अंत में प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित से चंडीगढ़ महिला कांग्रेस की प्रधान दीपा दुबे ने अपील की है कि जल्द से जल्द चंडीगढ़ में रहने वाले बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवा महिलाओं की पेंशन को पड़ोसी राज्यों से ज्यादा किया जाए ताकि वह मूलभूत सुविधा जैसा की दवाइयां, गैस का सिलेंडर, राशन, पानी और बिजली का बिल भर सके। और प्रशासन के अधिकारियों को भी आदेश दिया जाए कि शहर में रहने वाले बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवा महिलाओं की समय-समय पर प्रशासन के अधिकारी सुध ले ताकि प्रशासन के अधिकारियों को भी समझ जाएं कि 1000 में कैसे कोई अपना घर का गुजारा सकता है।